अभिनव गीत
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
1. फूल सदा कैसे रहते हैं?
उत्तर: फूल सदा हँसते रहते हैं।
2. फूल किस तरह झरते रहते हैं?
उत्तर: फूल खिल-खिलकर झरते रहते हैं।
3. फूल की छवि कैसी होती है?
उत्तर: फूल की छवि मोहक होती है।
4. ‘अभिनव गीत’ कविता के द्वारा बच्चे कौन-सी कला सीख सकते हैं?
उत्तर: जीने की कला सीख सकते हैं।
5. अभिनव का मतलब क्या है?
उत्तर: अभिनव का मतलब है – नया, नूतन।
6. हँसकर क्या सहन करना चाहिए?
उत्तर: हँसकर कष्ट को सहन करना चाहिए।
7. बच्चों को किसके साथ तुलना करते हैं?
उत्तर: बच्चों को कलियों के साथ तुलना करते हैं।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. फूल सब जग को किस रीति से सुरभित करते हैं?
उत्तर: फूल सब जग को अपनी मोहक छवि और सुगंध से सुरभित करते हैं।
2. फूल सदा हमसे क्या कहते हैं?
उत्तर: फूल हमसे सदा सबको सुख देने को कहते हैं।
3. जीवन में कष्ट कैसे सहना चाहिए?
उत्तर: जीवन में कष्ट हमेशा हँसते हुए सहना चाहिए। हँसते हुए मुसीबतों का सामना करना चाहिए।
4. फूल सदा सबको कैसे रहने का संदेश देते हैं?
उत्तर: फूल सदा हँसते रहने का संदेश देते हैं। खुशबू को, कीर्ति को चारों ओर फैलाने का पैगाम देते हैं। मिल-जुलकर रहने का संदेश देते हैं। जीवन रंगीला बनाने का संदेश देते हैं।
III. नमूने के अनुसार कविता की पंक्तियों को गद्य में रूपांतरित कीजिए:
नमूना : रहो सदा सबसे हिल-मिल कर
सदा सबसे हिल-मिल कर रहो।
1. कष्ट सहो जीवन में हँस कर,
_______________________।
उत्तर: कष्ट सहो जीवन में हँस कर,
जीवन में कष्ट हँस कर सहो।
2. जियो सदा सबको सुख देकर,
_________________________।
उत्तर: जियो सदा सबको सुख देकर,
सदा सबको सुख देकर जियो।
IV. पद्यभाग पूर्ण कीजिए :
1. फूल सदा _________________________
__________________________________
__________________________________
__________________________________
__________________________________
____________________ सुरभित करते हैं।
उत्तर: फूल सदा हँसते रहते हैं।
खिल-खिल कर झरते रहते हैं।
रंग-बिरंगी मोहक छवि से,
अपने अन्तर की सुगन्ध से,
तन से, मन से, निज जीवन से,
सब जग को सुरभित करते हैं।
V. नीचे लिखी पंक्तियों का भाव अपने शब्दों में लिखिए :
1. कष्ट सहो जीवन में हँस कर,
जियो सदा सबको सुख देकर,
फूल यही हमसे कहते हैं।
फूल सदा हँसते रहते हैं।
उत्तर: फूल हमेशा हमें कहते हैं कि जीवन में कष्टों का सामना हँसते हुए करना चाहिए। हमें कभी घबराना नहीं चाहिए। सभी लोगों को सुख देना चाहिए। उनकी मदद करते हुए जीना चाहिए। ‘जीओ और जीने दो’ में विश्वास रखना चाहिए। जैसे फूल हमेशा हँसते रहते है वैसे ही हमें भी हमेशा हँसते रहना चाहिए।
VI. कविता के आधार पर निम्नलिखित तालिका भरिए.:
question photo
उत्तरः
कीजिए मत कीजिए
1. सदा हिल मिलकर रहो। 1. किसी से झगड़ा मत करों।
2. सदा सुख देकर जीयो। 2. दूसरो को दुःख मत दो।
3. जीवन में हँसकर कष्ट सहो। 3. जीवन में कभी मत घबराओ।
VII. उदाहरण के अनुसार शब्दों को मिलाइए :
photo
उत्तरः
1. इ;.
2. अ;
3. ई;
4. आ।
VIII. मिलती-जुलती ध्वनिवाले शब्द लिखिए :
photo
उत्तरः
1. तन मन धन जन
2. हिल मिल खिल दिल
3. कहते सुनते करते चलते
4. कष्ट नष्ट स्पष्ट भ्रष्ट
IX. पढ़िए और सही वाक्यों के सामने (✓) लगाइए :
1. फूल सदा उदास रहते हैं। ( )
फूल सदा खुशी. से रहते हैं। ( )
फूल सदा चिंता में रहते हैं। ( )
उत्तरः फूल सदा उदास रहते हैं। (✗)
फूल सदा खुशी से रहते हैं। (✓)
फूल सदा चिंता में रहते हैं। (✗)
2. हमेशा सबसे हिल-मिल कर रहो। ( )
हमेशा सबसे झगड़ा करके रहो। ( )
हमेशा सबसे भेद-भाव करके रहो। ( )
उत्तरः हमेशा सबसे हिल-मिल कर रहो। (✓)
हमेशा सबसे झगड़ा करके रहो। (✗)
हमेशा सबसे भेद-भाव करके रहो। (✗)
3. सबको सदा दुख देकर जियो। ( )
सबको सदा पैसा देकर जियो। ( )
सबको सदा सुख देकर जियो। ( )
उत्तरः सबको सदा दुख देकर जियो। (✗)
सबको सदा पैसा देकर जियो। (✗)
सबको सदा सुख देकर जियो। (✓)
X. सही शब्दों से वाक्य पूरा कीजिए :
(हिल-मिल, सुख, हँसते)
1. फूल सदा __________ रहते हैं।
2. रहो सदा सबसे __________ कर।
3. सदा सबको ___________ देकर जीना।
उत्तरः
1. हँसते;
2. हिल-मिल;
3. सुख।
XI. सोचकर लिखिए :
1. हम फूलों का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर: हम फूलों से माला बनाते हैं। फूल को हम भगवान पर चढ़ाते हैं। फूल को बालों में लगाते हैं। स्त्रियाँ फूलों से माला बनाकर पहन लेती है। शादी के समय वर वधु और वधु वर के गले में फूलों की माला पहनाते हैं। बड़े बड़े लोगों की लाश पर फूल रखकर श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।
2.किन्हीं दस फूलों के नाम और रंग लिखिए।
उत्तर:
1. गुलाब – लाल
2. चमेली – सफेद
3. गुलबहार – सफेद
4. सदाबहार – बैंगनी
5. सूरजमुखी – पीला
6. नर्गिस – सफेद
7. गेंदा – पीला
8. गुढ़ल – लाल
9. कामलता – लाल
10. कुमुदिनी – सफेद।
3. आपको कौन-सा फूल पसंद है और क्यों?
उत्तर: मुझे चमेली का फूल पसंद हैं। यह बहुत ही खुशबूदार और सुन्दर होता है। .
4. देखे हुए किसी ‘फूल-प्रदर्शन’ का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर: स्वतंत्रता दिवस पर बेंगलूरू के प्रसिद्ध उद्यान लालबाग में मैंने हर साल लगनेवाले पुष्प प्रदर्शनी देखी थी। एक काँच से बने घर में हजारों फूलों की प्रजातियों को सजाकर रखा गया था। भाँति भाँति के फूल थे। उन फूलों का परिचय देने वाली छोटी-छोटी तख्तियां भी उनकी जड़ों में लगा रखी थी। बहुत ही शानदार अनुभव रहा।
अभिनव गीत
अभिनव गीत कवि परिचय :
श्री हरिशंकर कश्यप हिन्दी के प्रसिद्ध बाल-साहित्यकार हैं। आपने बच्चों के लिए अत्यंत रोचक, मनोरंजक व ज्ञानवर्धक एकांकी, कविताएँ, कहानियाँ तथा जीवनियाँ लिखी हैं। आपकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं – ‘फुलवारी’, ‘झरना’, ‘मेरे देश के महान बालक’, ‘मेरे देश के मंदिर’, ‘मेरे देश की महान नारियाँ’, ‘मेरे देश के ऋषि-मुनि’, ‘मेरे देश के संत-महात्मा’, ‘देश की आन पर’, ‘पूजा के फूल’। आपकी रचनाओं का मूल तत्व राष्ट्रभक्ति, भारतीय धर्म और संस्कृति हैं।
कविता का सारांश :
फूल हमेशा हँसते रहते हैं। वे खिलखिलकर नीचे गिरते है। अपने सुगंध से वातावरण को सुगंधित बना देते हैं। जीवन में सदा हँसते रहना चाहिए। सबसे हिलमिलकर प्रेम से रहना चाहिए। हँसते हुए मुसीबतों का सामना करना चाहिए। सभी लोगों को सुख देकर जीवित रहना चाहिए। जीने की कला दूसरों को हँसाने में है। फूल का संदेश है – नित हँसना। फूल रंगबिरंगे होते है। उसीके जैसे जीवन रंगीला होना चाहिए। मुसीबत के समय हिम्मत नहीं हारना चाहिए।
ಕಬೀರ್ ಜೋಡಿಗಳು ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:
ಈ ಪದ್ಯದ ಕವಿ ಪರಿಶಂಕರ್ ಕಶ್ಯಪ್ ರವರು ಕವಿತೆಯ ಮುಖಾಂತರ ಮಕ್ಕಳು ಬದುಕುವ ಕಲೆಯ ಬಗ್ಗೆ ತಿಳಿಸುತ್ತಾರೆ. ಕಷ್ಟದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಇರಬೇಕು ಮತ್ತು ಬೇರೆಯವರಿಗೋಳಿ ಬೇರೆಯವರಿ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಸುಖ ಸಂತೋಷದಿಂದ ಬದುಕುವ ಕಲೆಯನ್ನು ಬೇರೆ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಪರಿಚಯಿಸುವುದು ಈ ಕವಿತೆಯ ಉದ್ದೇಶವಾಗಿದೆ. ಹೂವಿನಂತೆ ನಾವು ನಮ್ಮ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ನಾವು ಸಂತೋಷದಿಂದಿರಬೇಕು. ಬರುವ ದುಃಖಗಳನ್ನು ಮರೆಯಬೇಕೆಂದು ಕವಿ ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಹೂಗಳಂತೆ ನಾವು ಬೇರೆಯವರನ್ನು ಆಕರ್ಷಿಸುವ ಗುಣವನ್ನು ಹೊಂದಿರಬೇಕು. ಹೂಗಳಲ್ಲಿ ಯಾವ ರೀತಿ ಆಕರ್ಷಿಸುವ ಸ್ವಾಭಾವಿ ಇರುತ್ತದೆಯೋ ಹಾಗೆಯೇ ಮನುಷ್ಯನಲ್ಲಿಯೂ ಸಹ ಒಳ್ಳೆ ಪ್ರತಿಮೆ, ಕಲೆ, ಹಾಸ್ಯ, ಸ್ವಭಾವ, ವಿವ್ಯ ,ಜ್ಞಾನದ ಮುಖಾಂತರ ಇತರರಿಗೆ ಬದುಕುವ ಕಲೆಯನ್ನು ತಿಳಿಸಬೇಕೆಂದು ಕವಿಯ ಆಶಯವಾಗಿದೆ .
ಕವಿ ಹೂಗಳ ಮುಖಾಂತರ ಮನುಷ್ಯನಿಗೆ ತಿಳಿ ಮಾತನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಮನುಷ್ಯರು ಎಲ್ಲರ ಜೊತೆಯಲ್ಲಿಯೂ ಬೇರೆಯುತ ಕೂಡ ಮಾಡಬೇಕು. ನಗುನಗುತ ಕಷ್ಟಗಳನ್ನು ಸಹಿಸುತ್ತಾ ಅದರಿಂದ ಪಾರಾಗಬೇಕು. ಮನುಷ್ಯರು ಸಾದಾಕಾಲ ಸುಖ ಸಂತೋಷಗಳನ್ನು ಇತರರಿಗೆ ನೀಡುತ್ತಾ ಬದುಕಬೇಕು. ಹೂಗಳಂತೆ ನಾವು ಸದಾಕಾಲ ಮುಗುಳು ಆಗುತ್ತಾ. ಬೇರೆಯವರಿಗೂ ಖುಷಿ ಕೊಡಬೇಕು.
ಈ ಪದ್ಯದ ಕವಿ ಪರಿಶಂಕರ್ ಕಶ್ಯಪ್ ರವರು ಕವಿತೆಯ ಮುಖಾಂತರ ಮಕ್ಕಳು ಬದುಕುವ ಕಲೆಯ ಬಗ್ಗೆ ತಿಳಿಸುತ್ತಾರೆ. ಕಷ್ಟದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಇರಬೇಕು ಮತ್ತು ಬೇರೆಯವರಿಗೋಳಿ ಬೇರೆಯವರಿ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಸುಖ ಸಂತೋಷದಿಂದ ಬದುಕುವ ಕಲೆಯನ್ನು ಬೇರೆ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಪರಿಚಯಿಸುವುದು ಈ ಕವಿತೆಯ ಉದ್ದೇಶವಾಗಿದೆ. ಹೂವಿನಂತೆ ನಾವು ನಮ್ಮ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ನಾವು ಸಂತೋಷದಿಂದಿರಬೇಕು. ಬರುವ ದುಃಖಗಳನ್ನು ಮರೆಯಬೇಕೆಂದು ಕವಿ ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಹೂಗಳಂತೆ ನಾವು ಬೇರೆಯವರನ್ನು ಆಕರ್ಷಿಸುವ ಗುಣವನ್ನು ಹೊಂದಿರಬೇಕು. ಹೂಗಳಲ್ಲಿ ಯಾವ ರೀತಿ ಆಕರ್ಷಿಸುವ ಸ್ವಾಭಾವಿ ಇರುತ್ತದೆಯೋ ಹಾಗೆಯೇ ಮನುಷ್ಯನಲ್ಲಿಯೂ ಸಹ ಒಳ್ಳೆ ಪ್ರತಿಮೆ, ಕಲೆ, ಹಾಸ್ಯ, ಸ್ವಭಾವ, ವಿವ್ಯ ,ಜ್ಞಾನದ ಮುಖಾಂತರ ಇತರರಿಗೆ ಬದುಕುವ ಕಲೆಯನ್ನು ತಿಳಿಸಬೇಕೆಂದು ಕವಿಯ ಆಶಯವಾಗಿದೆ .
ಕವಿ ಹೂಗಳ ಮುಖಾಂತರ ಮನುಷ್ಯನಿಗೆ ತಿಳಿ ಮಾತನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಾರೆ. ಮನುಷ್ಯರು ಎಲ್ಲರ ಜೊತೆಯಲ್ಲಿಯೂ ಬೇರೆಯುತ ಕೂಡ ಮಾಡಬೇಕು. ನಗುನಗುತ ಕಷ್ಟಗಳನ್ನು ಸಹಿಸುತ್ತಾ ಅದರಿಂದ ಪಾರಾಗಬೇಕು. ಮನುಷ್ಯರು ಸಾದಾಕಾಲ ಸುಖ ಸಂತೋಷಗಳನ್ನು ಇತರರಿಗೆ ನೀಡುತ್ತಾ ಬದುಕಬೇಕು. ಹೂಗಳಂತೆ ನಾವು ಸದಾಕಾಲ ಮುಗುಳು ಆಗುತ್ತಾ. ಬೇರೆಯವರಿಗೂ ಖುಷಿ ಕೊಡಬೇಕು.
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