Recent Posts

प्रार्थना - 8 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली


  प्रार्थना

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए

1. ‘बीती-बातों’ – इसका मतलब क्या है?
उत्र: गुजरी हुई बीती बात को भूल जाना ।

2. हमें कैसे रहना चाहिए?
उत्तर: हमें सबके साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए।

3. हठ छोड़कर हमें किसे अपनाना चाहिए?
उत्तरः.हठ छोड़कर हमें सद्भावना के नियमों को अपनाना चाहिए।

4. छोटे-बड़ों को मिलकर क्या करना चाहिए?
उत्तरः छोटे-बड़ों को मिलकर, गिरे हुए को तुरंत उठाना चाहिए।

5. हमें किस पर बलि-बलि जाना चाहिए?
उत्तरः.हमें मातृभूमि पर बलि-बलि जाना चाहिए।

6. भगवान से हमें क्या माँगना चाहिए?
उत्तरः भगवान से सद्बुद्धि और वे किसी का अपमान न करे, ऐसी मति देने की माँगना चाहिए।

॥. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1. ‘एक रहें सद्भाव रखें हम’ – इस पर आप क्या सोचते हैं?
उत्तरः भिन्न-भिन्न धर्मों, रीति-रिवाजों को मानने वाले लोगों के साथ प्रेम से रहना चाहिए। विविधता में एकता ही हमारे देश की पहचान है। बिना सद्भाव के यह देश एक नहीं रह सकता। इसलिए आपसी सद्भाव जरूरी है।

2. ‘गिरे हुए को तुरंत उठाएँ’ – ‘गिरे हुए’ का क्या अर्थ है? उसे कैसे उठाना चाहिए?
उत्तरः समाज में बहुत से लोग पिछड़ जाते है। विकास-यात्रा में पीछे रह जाते हैं। हमें उनकी सहायता करनी चाहिए।निर्बल लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य होना चाहिए। यही गिरे हुए का अर्थ है। उनकी सहायता करके ऊपर उठाना चाहिए।

3. ‘हठ छोड़ें, संयम अपनाएँ’ – इस वाक्य से क्या अर्थ प्रकट होता है?
उत्तर: छोटी-छोटी बातों के लिए झगड़ा नहीं करना चाहिए। हठ करने से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकलता है। फलस्वरूप समाज में द्वेष भावना बढ़ती है। इसलिए हमें संयम रखना चाहिए।

III. नमूने के अनुसार तुकवाले शब्द लिखिए :
अपनाएँ – बिसराएँ

1. बिचारे → जीवनवारें
2. उठाएँ → मिल जाएँ
3. अपमान → भगवान

IV. पद्यभाग पूर्ण कीजिए :

मिलकर रहें, नियम अपनाएँ |
बीती बातों को बिसराएँ ।।
छोटे-बड़े सभी मिल जाएँ ।
गिरे हुए को तुरंत उठाएँ ।|

V. खाली जगह भरिए :

भले काम पर ………
बीती बातों को ……….
एक रहें ……….  रखें हम
हठ छोड़े, ………… अपनाएँ

उत्तर:
भले काम पर जीवन वारे
बीती बातों को बिसराएँ ।
एक रहें सद्भाव रखें हम ।
हठ छोड़े, संयम अपनाएँ ।
प्रार्थना पाठ का सारांश:

हमें जीवन में हमेशा सच बोलना चाहिए। सच्ची बात पर विचार करना चाहिए। अपना संपूर्ण जीवन भलाई और लोक के कल्याण के लिए समर्पित करना चाहिए। जीवन में यह नियम अपना लेना चाहिए कि हिल मिलकर रहना है। बीती कड़वी यादों को भूलकर जीवन पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।

अमीर-गरीब, छोटे-बड़े सभी आपस में मिलकर रहना चाहिए। हमेशा कमजोर की मदद करनी चाहिए। उसको सहारा देना चाहिए।

किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए। इस तरह की प्रार्थना भगवान से करते हैं। हमेशा एकता और भाईचारे के साथ जीवन जीएँ। आपसी सद्भाव और प्रेम बनाए रखें। किसी से झगड़ा और नफ़रत न करें।

हमें छोटी-छोटी बातों पर हठ नहीं करना चाहिए। विचार-विमर्श और प्रेम के साथ समस्याओं का हल निकालना चाहिए। इस तरह अपने देश, वतन के लिए हमेशा अभिमान का भाव रखना चाहिए।

ಪ್ರಾರ್ಥನೆ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:

ಸತ್ಯವನ್ನೇ ನುಡಿಯಿರಿ, ಒಳ್ಳೆಯ ವಿಚಾರಗಳನ್ನು ರೂಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ , ಸತ್ಕಾರ್ಯಗಳಿಗಾಗಿ ನಿಮ್ಮ ಜೀವನವನ್ನು ಸಮರ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ, ಒಟ್ಟಾರೆ ಸತ್ತ್ಯಾರ್ಗದಲ್ಲಿ ನಡೆಯಿರಿ ಎಂದು ಕವಿ ಕರೆ ನೀಡುತ್ತಾರೆ,. ಒಟ್ಟಿಗೆ ಕೂಡಿ ಬಾಳಿರಿ, ಒಂದಾಗಿ ನಡೆಯುವ ಮನೋಭಾವ ಹಾಗೂ ನ್ಯಾಯ, ನೀತಿಗಳನ್ನು ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಅಳವಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಿ, ಗತಿಸಿ ಓದುತ್ತಾರ ಬಗ್ಗೆ ಚಿಂತಿಸುತ್ತಿರಬೇಡಿ ಕಳೆದು ಹೋದದನ್ನು ಮರೆತು ಬಿಡಿ ಭವಿಷ್ಯದ ಕುರಿತು ಚಿಂತಿಸಿ, ದೊಡ್ಡವ- ಚಿಕ್ಕವ್ವ, ಬಡವ- ಬಲ್ಲಿದ, ದುರ್ಬಲ- ಸಬಲ ಎಲ್ಲರೂ ಒಂದಾಗಿ, ಒಟ್ಟಾಗಿ ಕೂಡಿ ಬಾಳಿ ದೀನಾ- ದುಃಖಗಳನ್ನು, ದುರ್ಬಲರನ್ನು ಅವಶ್ಯವಾಗಿ ಮೇಲೆ ತಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿರಿ, ಯಾರನ್ನು ಈಗಳೆದು ಅಪ್ಪಮಾನ ಮಾಡದಿರಿ, ಸಕಲರನ್ನು ಗೌರವಿಸುವ ಬುದ್ಧಿಯನ್ನು ಭಗವಂತನು ನಮಗೆ ಕರುಣಿಸಲಿ ಎಂದು ಬೇಡೋಣ. ನಮ್ಮ ಭಾಷೆ, ಜನಾಂಗ, ದೇಶದ ಕುರಿತು ಅಭಿಮಾನವನ್ನು ತಳೆಯಬೇಕು. ದುಃಖ,  ಕಷ್ಟ ,ಸಂಕಟಗಳನ್ನು ದೂರ ಮಾಡಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸೋಣ , ಒಂದಾಗಿ ಬಾಳುತ್ತಾ ಸದ್ಭಾವಗಳನ್ನು ಎಲ್ಲರಲ್ಲೂ ಬೆಳೆಸೋಣ, ಬೇರೆ ಬೇರೆ ಪ್ರಾಂತ ,ಜಾತಿ, ಜನಾಂಗ ,ಭಾಷೆಗಳ ಜನರನ್ನು ಗೌರವಿಸೋಣ ,  ಸಹಿತ ಶಕ್ತಿಗಳನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಶಾಂತಿ ಸಹನೆಯನ್ನು ಬೆಳೆಸಿಕೊಳ್ಳೋಣ, ನಮ್ಮ ದೇಶ ಜನಾಂಗ ಇವುಗಳ ಏಳಿಗೆಗಾಗಿ ಎಂತಹ ತ್ಯಾಗಕ್ಕೂ ಸಿದ್ಧರಾಗೋಣ , ಹೀಗೆ ಕವಿ ಸದ್ಬುದ್ದಿ, ಸನ್ನಡತೆ ಸಚ್ಚರಿತ್ರವನ್ನು ನೀಡುವಂತೆ ಭಗವಂತನಲ್ಲಿ ಬೇಡುತ್ತಾರೆ. ಕೊನೆಯಲ್ಲಿ ಕವಿಯು ಎಲ್ಲರೂ ತನ ದೇಶ ಮತ್ತು ಜಾತಿಯ ಉಳಿಬೇಕಾಗಿ ಸಮರ್ಪಿಸಿಕೊಳ್ಳುವ ಭಾವನೆ ಬೆಳೆಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು ಎಂದು ಪ್ರಾರ್ಥಿಸುತ್ತಾನೆ.
You Might Like

Post a Comment

0 Comments