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नफे के चक्कर में - 9 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली

 नफे के चक्कर में 

अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए

1. किसको नारियल खाने का मन हुआ ?
उत्तर : बाबूभाई को नारियले खाने का मन हुआ।

2. बाजार में लोग क्या कर रहे थे ?
उत्तर : बाजार में लोग अपने-अपने कामों में लगे थे।

3. बाजार में नारियलवाले ने बाबू भाई को कहाँ जाने को कहा ?
उत्तर : बाजार में नारियलवाले ने बाबूभाई को मंडी जाने को कहा।

4. पचास पैसे में नारियल कहाँ मिलनेवाले थे ?
उत्तर : पचास पैसे में नारियल बंदरगाह पर मिलनेवाले थे।

5. कितने पैसे बचाने की सोच में बाबू भाई में फुर्ती आ गयी ?
उत्तर : पच्चीस पैसे बचाने के ख्याल से ही उनमें कुर्ती आ गई।

6. बाबू भाई ने मुफ्त में नारियल किससे माँगा ?
उत्तर : बाबूभाई ने मुफ्त में नारियल माली से माँगा।

7. घुडसवार ने कितने रुपए देने की बात कही ?
उत्तर : घुडसवार ने सौ रुपए देने की बात कही।

8. ऊँट सवार ने कितने रुपए देने की बात कही ?
उत्तर : ऊँट सवार ने दो सौ रुपए देने की बात कही।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1. नारियल को झट से छीनकर बाबू भाई से नारियलवाले ने क्या कहा ?
उत्तर : नारियलवाले ने कहा, “माफ करो, काका। एक रुपया या फिर कुछ नहीं।” “बंदरगाह पर चले जाओ, हो सकता है वहाँ तुम्हें पचास पैसे में मिल जाए।”

2. बाबू भाई मन-ही-मन क्या सोचने लगे ?
उत्तर : बाबू भाई मन ही मन सोचने लगे कि आखिर पचास पैसे तो पूरे पचास पैसे है। वैसे भी मेरी टाँगों में अभी भी दम है।

3. नाववाले से बाबू भाई ने नारियल को पच्चीस पैसे में देने के लिए किस तरह आग्रह किया ?
उत्तर : नाववाले से बाबूभाई ने नारियल को पच्चीस पैसे में देने के लिए हुसतरह आग्रह किया। कि पचास पैसे ज्यादा है, मैं सिर्फ पच्चीस पैसे दूंगा। इतनी दूर से पैदल आया हूँ, थक भी गया हूँ। मेरी मेहनत बेकार हो गई।

4. बाबू भाई ने किन-किन-से मदद माँगी ?
उत्तर : बाबू भाई ने माली से विनती की। उसने मना कर दिया। फिर एक ऊँटवाले को मदद करने के लिए कहा। और अंत में एक घुड़सवार से मदद करने की याचना की।

III. जोडकर लिखिए ।
1. बाबू भाई दो सौ रुपये
2. माली सौ रुपये
3. हे भगवान! बगीचा
4. ऊँटवाला नारियल
5. घुडसवार पच्चीस पैसे पसीना
उत्तरः
1. बाबू भाई नारियल
2. माली बगीचा
3. हे भगवान! पच्चीस पैसे पसीना
4. ऊँटवाला दो सौ रुपये
5. घुडसवार सौ रुपये

IV. विलोम शब्द लिखिए :
1. दिन
2. मीठा
3. छोटी
4. बहुत
5. सही
6. अच्छा
7. दूर
8. जवाब
9. सामने
10. पसंद
11. खरीदना
उत्तरः
1. दिन x रात
2. मीठा x कड़वा
3. छोटी x बड़ी
4. बहुत x कम
5. सही x गलत
6. अच्छा x बूरा
7. दूर x पास
8. जवाब x सवाल
9. सामने x पीछे
10. पसंद x नापसंद
11. खरीदना x बेचना

V. अन्य वचन रूप लिखिए :
1. घर
2. जूता
3. रुपया
4. पैसा
5. आवाज
6. बात
7. पेड
8. नजर
9. घोडा
उत्तरः
1. घर – घर
2. जूता – जुते
3. रुपया – रुपए
4. पैसा – पैसे
5. आवाज आवाजें
6. बात – बातें
7. पेड – पेड
8. नजर – नजरे
9. घोडा – घोडे

VI. अन्य लिंग शब्द लिखिए :
1. भाई
2. काका
3. माली
4. घोडा
5. ऊँट
6. आदमी
7. बाप
उत्तरः
1. भाई – बहन
2. काका – काकी
3. माली – मालिन
4. घोडा – घोड़ी
5. ऊँट – ऊँटनी
6. आदमी – औरत
7. बाप – माँ

VII. पाठ में वाला परसर्ग का प्रयोग हुआ है। जैसे – नारियलवाला, नाववाला, ऊँटवाला आदि। वाला परसर्ग जोडकर रिक्त स्थान भरिए ।
1. ________ आज काम पर नही आयी। (काम) (स्त्रीलिंग रूप)
2. आज गीत ________ बहुत हो गये। (गाने) (बहुवचन रूप)
3. गहरी नींद ________ जल्दी जागते नहीं। (सोने) (बहुवचन रूप)
4. अच्छा परिणाम ________ परिश्रम करता है। (चाहने) (एकवचन रूप)
5. संतुलित आहार ________ स्वस्थ रहता है। (खाने) (एकवचन रूप)
उत्तरः
1. कामवाली आज काम पर नही आयी। (काम) (स्त्रीलिंग रूप)
2. आज गीत गानेवाले बहुत हो गये। (गाने) (बहुवचन रूप)
3. गहरी नींद सोनेवाले जल्दी जागते नहीं। (सोने) (बहुवचन रूप)
4. अच्छा परिणाम चाहनेवाले परिश्रम करता है। (चाहने) (एकवचन रूप)
5. संतुलित आहार खानेवाला स्वस्थ रहता है। (खाने) (एकवचन रूप)

VIII. बाबू भाई के नारियल खरीदने का सौदा कितने रुपए से लेकर कहाँ तक आ पहुँचा?
निम्नलिखित उदाहरण के अनुसार तालिका में लिखिएः

IX. कन्नड में अनुवाद कीजिए :
1. घर में तो एक भी नारियल नहीं था।
उत्तर : ಮನೆಯಲ್ಲಿ ಒಂದೂ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಇರಲಿಲ್ಲ.
2. यहाँ से थोड़ी दूर जो मंडी है वहाँ शायद मिल जाए।
उत्तर : ಇಲ್ಲಿಂದ ಸ್ವಲ್ಪ ದೂರದಲ್ಲಿ ಇರುವ ಮಂಡಿಯಲ್ಲಿ ಬಹುಶಃ ಸಿಗಬಹುದು.
3. इतनी दूर से पैदल आया हूँ।
उत्तर : ಇಷ್ಟು ದೂರದಿಂದ ಕಾಲ್ನಡಗೆಯಲ್ಲಿ ಬಂದಿದ್ದೇನೆ.
4. बाबू भाई ने जल्दी-जल्दी पेड पर चढना शुरु किया।
उत्तर : ಬಾಬುಭಾಯಿ ಸರಸರನೆ ಮರ ಹತ್ತಲು ಶುರು ಮಾಡಿದರು.
5. बाबू भाई ने नारियल को पकड़ लिया।
उत्तर : ಬಾಬುಭಾಯಿ ತೆಂಗಿನ ಕಾಯನ್ನು ಹಿಡಿದುಕೊಂಡರು.

X. पाठ में ना जी ना शब्द का प्रयोग हुआ है। यह नकारात्मक भाव को सूचित करता है। वैसे ही हाँ जी हाँ शब्द सकारात्मक भाव को सूचित करता है। निम्नलिखित तालिका में कुछ वाक्य दिये गये हैं, उनके सामने सोचकर इन शब्दों को लिखिए :
क्र.सं. वाक्य आप क्या कहते है
1. मैं पुस्तक पढना चाहता हूँ। हाँ जी हाँ
2. मैं दूसरों की निंदा करता हूँ। ना जी ना
3. पर्यावरण की रक्षा करना चाहिए। हाँ जी हाँ
4. पेड हमारे मित्र है। हाँ जी हाँ हाँ जी हाँ
5. परीक्षा में नकल करना है। ना जी ना
6. माता-पिता की बात माननी है। हाँ जी हाँ
7. गुरुजनों का आदर करना है। हाँ जी हाँ

X. अनुरूपता :
1. दो-चार : शब्द युग्म :: अपने-अपने : ________
2. काका : काकी :: चाचा : ________
3. माफ : नुक्ता शब्द :: मंडी : ________
4. हे भगवान ! : विस्मयबोधक :: कैन ? : प________
उत्तर :
1. दो-चार : शब्द युग्म :: अपने-अपने : द्विरुक्ति
2. काका : काकी :: चाचा : चाची
3. माफ : नुक्ता शब्द :: मंडी : अनुस्वार
4. हे भगवान ! : विस्मयबोधक :: कैन ? : प्रश्नवाचक

भाषा ज्ञान
I. पाठ में से द्वित्व शब्दों को ढूंढकर लिखिए :
1. मीठा
2. देखने
3. अपने
4. ऊँची
5. हक्के
6. जल्दी
7. चढते
8. जोर
9. हरे
10. पसीना
उत्तर :
1. मीठा – मीठा
2. देखने – पूछते
3. अपने – अपने
4. ऊँची – ऊँची
5. हक्के – बुक्के
6. जल्दी – जल्दी
7. चढते – छडते
8. जोर – जोर
9. हरे – हरे
10. पसीना – पसीना

नफे के चक्कर में 
नफे के चक्कर में  पाठ का सारांश –
लालच बुरी बला है इस उक्ति अनुसार इस पाठ में जिना मेहनत फल पाने की इच्छा लालच करनेवाले व्यक्ति की कहानी का वर्णन किया गया है। बाबू भाई को नारियल खाने की इच्छा होती है। उसका मीठा स्वाद उनसे मुँह में पानी लाता है। लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि नारियल लाने के लिए बाजार जाना पडेगा, पैसे खर्च करने पड़ेंगे। वे बाजार पहुँचते है। नारियल का दाम पूछाने पर पता चलता है कि दो रूपए में मिलेगा। बाबूभाई दो रूपए नहीं देना चाहते उससे कम दाम में नारियल खरीदना चाहते है। बताने पर नारियलवाला एकरूपये में मिलनेवाले नारियल का पता बता देता है। बाबूलाल मंडी में जाते है।

वहाँ नारियल का भाव पूछने पर एक रूपया दाम में नारियल मिल सकता है। बाबूभाई के हिमाव से नारियल और सस्ते दाम में मिलना चाहिए। उन्हें दो नारियल पचास पैसे में चाहिए था। नारियलवाला देने से इनकार करना है। और पचास पैसेवाला नारियल का पता बताता है। बाबूभाई आधे पैसे में नारियल पाने की चाहत में बंदरगाह चले गए। वहाँ पचास पैसे में नारियल मिल रहे थे। लेकिन कम दाम में नारियल की चाहत में बाबूभाई को लालची बना दिया था। वहाँ भी बात न बनी और उससे भी कम दाम में मिलनेवाले नारियल की खोज में बाबूभाई नारियल के बगीचे में चले जाते हैं। अब की बार बाबू भाई पच्चीस पैसों में नारियल खरीदने के लिए गडा। लेकिन उनको अब नारियल खरीदना ही नही था, मुफ्त में चाहिए था। नारियल बेचने वाले ने कहा कि मुफ्त में नारियल चाहिए तो पेड पर चढकर खुद ही नारियल ले लो।। बाबूभाई खुश हुए उन्होंने पेड पर चढना शुरु किया और फिसलकर हवा में लटकने लगे। उन्होंने मदद के लिए माली को आवाज दी। लेकिन उसने मना कर दिया। पास से ऊँट पर सवार आदमी जा रहा था। उसे मदद के लिए बुलाया वो तैयार तो होगया मगर ठीक उसी वक्त ऊँट को पेड पर हरे पत्ते नजर आते है।
ऊँट बन पत्तों की खाने की लालच में गर्दन सुकाता है। और वह आदमी उसके पीठ पर से फिसलकर बाबूभाई के पैरो से लिपटता है। दोनों लटकते रहते हैं। फिर एक घुडसवार दिखाई देता है। पर वो भी घास खाने की चाहत में जगह में टट जाता है। और घोडे का मालिक ऊँटवाले के पैरों से लटकता रहता है। अब तीनों लटकते रहे। आखिर में घोडेवाला और ऊँटवाला बाबूभाई को पैसों का लालच देते है ताकि वो हाथ न छोडे और नीचे ना गिरे। लेकिन पैसों की लालच ने बाबूभाई को जैमे लालची बना दिया था। इतने | सारे पैसों के लालच से बाबूभाई अपनी बाहें फैलाते है ।और धडाम में । जमीन पर गिरते हैं।

ಲಾಭದ ದುರಾಸೆಯಲ್ಲಿ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:

ಕಷ್ಟಪಟ್ಟು ಸಂಪಾದಿಸಿದ್ದು ಮಾತ್ರ ದಕ್ಕುತ್ತದೆ. ಪರಿಶ್ರಮವಿಲ್ಲದೆ ಸಂಪತ್ತನ್ನುಗಳಿಸುವ ಆಸೆ ದುರಾಸೆ ಎನಿಸುತ್ತದೆ. ಈ ಕಥೆಯಲ್ಲಿ ಲಾಭದ ದುರಾಸೆಗೆ ಸಿಲುಕಿದ ವ್ಯಕ್ತಿಯ ಕಥೆಯನ್ನು ಹಾಸ್ಯದ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಹೇಳಲಾಗಿದೆ.

ಒಂದು ದಿನ ಬಾಬುಭಾಯಿಗೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ತಿನ್ನುವ ಆಸೆ ಆಯಿತು,ಆಹಾ ಎಂಥಹ ಸಿಹಿ ಸ್ವಾದದ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ. ಮನೆಯಲ್ಲಿ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಇರಲಿಲ್ಲ ಬೇಜಾರಿನಿಂದ ಹಣಕೊಟ್ಟು ತರಬೇಕಿತ್ತು. ಬಾಬುಭಾಯಿ ಮಾರುಕಟ್ಟೆಗೆ ಹೊರಟರು. ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಮಾರುವವನು ತೆಂಗಿನಕಾಯಿಗೆ ೨ ರೂ.ಬೆಲೆ ಹೇಳಿದ, ಬಾಬುಭಾಯಿ ೧ ರೂ.ಗೆ ಕೊಡೆಂದು ಚೌಕಾಶಿ ಮಾಡಿದರು. ಮಾರುವವನು ಮಂಡಿಗೆ ಹೋದರೆ ೧ ರೂ.ಗೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಸಿಗಬಹುದು ಎಂದರು.

ಮಂಡಿಗೆ ಹೋದ ಬಾಬುಭಾಯಿಗೆ ೧ರೂ.ಗೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಸಿಕ್ಕಿತು. ಆದರೆ ಇಷ್ಟು ದೂರ ನಡೆದು ಬಂದದಕ್ಕೆ ೫೦ ಪೈಸೆಗೆ ಕಾಯಿ ಕೊಡುವಂತೆ ಕೇಳಿದರು. ಮಂಡಿಯವನು ಕೊಡಲು ಒಪ್ಪಲಿಲ್ಲ. ಬಂದರಿಗೆ ಹೋದರೆ ೫೦ ಪೈಸೆಗೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಸಿಗಬಹುದು ಎಂದನು. ಬಾಬುಭಾಯಿ ಬಂದರಿಗೆ ಹೊರಡರು. ಒಬ್ಬ ನಾವೆ ಓಡಿಸುವವನ ಬಳಿ ಕೆಲ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿಗಳು ಇದ್ದವು. ಕೇವಲ ೫೦ ಪೈಸೆಗೆ ಮಾರಲು ತಯಾರಾಗಿದ್ದ ನಾವೆಯವನು. ಆದರೆ ಬಾಬುಭಾಯಿ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಕೊಳ್ಳಲು ಒಪ್ಪಲಿಲ್ಲ. ಅಷ್ಟು ದೂರದಿಂದ ನಡೆದು ಬಂದ ಶ್ರಮ ವ್ಯರ್ಥವಾಯಿತು ಎನಿಸಿತು. ೨೫ ಪೈಸೆಗೆ ಕೊಡುವುದಾದರೆ ಕೊಡು ಎಂದರು. ನಾವೆಯವನು ತೆಂಗಿನ ತೋಟಕ್ಕೆ ಹೋಗಿ ಅಲ್ಲಿ ನೀವು ಕೊಡುವ ದುಡ್ಡಿಗೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಸಿಕ್ಕರೂ ಸಿಗಬಹುದು ಎಂದರು. ಬಾಬುಭಾಯಿ ಸುಸ್ತಾಗಿದ್ದರು ಆದರೂ ೨೫ ಪೈಸೆಗೆ ಉಳಿಸಲು ತೆಂಗಿನತೋಟಕ್ಕೆ ಹೋಗಲು ತಯಾರಾದರು. ಮಾಲಿಯನ್ನು ಕೇಳಿದರು ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಬೆಲೆ ಎಷ್ಟು ಮಾಲಿ ೨೫ ಪೈಸೆಗೆ ತೆಗೆದು ಕೊಳ್ಳಿ ಎಂದು ಹೇಳಿದ. ಬಾಬುಭಾಯಿ ಹೇಳಿದ ಉಚಿತವಾದ ಕೊಟ್ಟುಬಿಡು ಎಂದರು. ಮಾಲಿ ಹೇಳಿದ ಉಚಿತವಾಗಿ ಬೇಕೆಂದರು ಮರಹತ್ತಿ ಎಷ್ಟು ಬೇಕಾದರೂ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಕಿತ್ತುಕೊಳ್ಳಿ. ಬಾಬುಭಾಯಿಗೆ ಅತ್ಯಂತ ಸಂತೋಷವಾಯಿತು. ಸರಸರನೆ ತೆಂಗಿನಮರ ಹತತೊಡಗಿದರು. ನನ್ನ ಅದೃಷ್ಟ ಚೆನ್ನಾಗಿದೆ. ಉಚಿತವಾಗಿ ಎಷ್ಟು ಬೇಕಾದರೂ ತೆಂಗಿನಕಾಯನ್ನು ಕೀಳಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿ ಕಾಲು-ಜಾರಿ ಮರದಿಂದ ನೇತಾಡ ತೊಡಗಿದರು. ಸಹಾಯ ಮಾಡಿ ಎಂದು. ಮಾಲಿಯನ್ನು ಕೂಗಿದರು.

ಮಾಲಿ ಹೇಳಿದ ಅದು ನನ್ನ ಕೆಲಸವಲ್ಲ ನೀವುಂಟು ನಿಮ್ಮ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿವುಂಟು.ಆಗ ಒಬ್ಬ ಒಂಟೆ ಸವಾರ ಬಂದ. ನನ್ನ ಮತ್ತೆ ಮರ ಹತ್ತಿಸು ಎಂದು ಬೇಡಿದನು. ಒಂಟಿ ಸವಾರ ಸಹಾಯ ಮಾಡಲು ಒಂಟೆಯ ಮೇಲೆ ಹತ್ತಿ ಬಾಬುಭಾಯಿಯ ಕಾಲನ್ನು ಹಿಡಿದನು. ಒಂಟೆಯು ಹಸಿರನ್ನು ಕಂಡು ಮುಂದೆ ಸರಿಯಿತು.ಒಂಟಿಯವನು ಬಾಬುಭಾಯಿ ಕಾಲನ್ನು ಹಿಡಿದು ನೇತಾಡತೊಡಗಿದ. ಅದರೊಳಗೆ ಒಬ್ಬ ಕುದುರೆ ಸವಾರ ಆ ಮಾರ್ಗವಾಗಿ ಬಂದ. ಅವನೂ ಕುದುರೆ ಹತ್ತಿ ಕುದುರೆ ಮುಂದೆ ಸಾಗಿ ನೇತಾಡ ತೊಡಗಿದ. ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಭದ್ರವಾಗಿ ಹಿಡಿಯಿರಿ ನಾನು ೧೦೦ರೂ. ಕೊಡುತ್ತೇನೆ ಎಂದು ಕುದುರೆ ಸವಾರ ಅಂದ. ನಾನು ಸಹಾ ೨೦೦ರೂ. ಕೊಡುತ್ತೇನೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಗಟ್ಟಿಯಾಗಿ ಹಿಡಿಯಿರಿ ಎಂದು ಒಂಟೆಯವನಂದ, ಬಾಬುಭಾಯಿ ೩೦೦ರೂ.ಕಂಡು ಸಂತೋಷದಿಂದ ಕೈಬಿಟ್ಟರು. ಮೂರು ಜನರೂ ಮರದಿಂದ ಬಿದ್ದರು. ಬಾಬುಭಾಯಿ ತಲೆ ಮೇಲೆ ತೆಂಗಿನಕಾಯಿ ಬಿದ್ದಿತು.ಮಕ್ಕಳೇ ಅತಿ ಆಸೆ ಗತಿ ಕೇಡು ಎಂಬುದು ತಿಳಿಯಿರಿ.
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