मेरा देश, मेरी माँ
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
1.भारत पर दुश्मनों ने कब आक्रमण किया?
उत्तरः दुश्मन ने भारत पर सन उन्नीस सौ पैंसठ (1965) में आक्रमण किया।
2.मेजर को तुरंत किसका स्मरण हो गया?
उत्तर मेजर को तुरंत मातृभूमि का स्मरण हो गया।
3.मेजर ने किसके पैर छूकर प्रणाम किया?
उत्तरःमेजर ने अपनी माँ के पैर छूकर प्रणाम किया।
4.इच्छोगिल नहर को तोड़ने के लिए कौन तैयार थे ?
उत्तरःइच्छोगिल नहर को तोड़ने के लिए भारतीय सेना तैयार थे ।
5.मेजर ने किसकी परवाह नहीं करते हुए मोर्चा को सँभाला ?
उत्तर:मेजर ने मौत की परवाह नहीं करते हुए मोर्चा को सँभाला ।
6.मेजर ने अधिकारियों से क्या कहा?
उत्तरःमेजर ने अधिकारियों से “हाँ है, मेरी माँ तक संदेश पहुँच देना, तुम्हारे बेटे ने गोलियाँ सीने पर खायी है, पीठ परनहीं।’
7.मेजर आत्माराम त्यागी ने मातृभूमि की रक्षा में किसकी बाजी लगा दी ?
उत्तरःमेजर आत्माराम त्यागी ने मातृभूमि की रक्षा में प्राणों की बाजी लगा दी।
8,मेजर आत्माराम त्यागी ने किसे दिये हुए वचनों का पालन किया ?
उत्तर:मेजर आत्माराम त्यागी ने माँ को दिये हुए वचनों का पालन किया।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1.सैनिकों को तुरंत वापस आने का आदेश अचानक क्यों दिया गया ?
उत्तर: सन् उन्नीस सौ पैंसठ (1965) में चारों तरफ शांति का वातावरण फैला हुआ था। अचानक वातावरण बदल गया। भारत पर दुश्मनों ने हमला कर दिया जिससे छुट्टियाँ बिताने गये सैनिकों को तुरंत वापस आने का आदेश दिया गया।
2.युद्धभूमि जाने से पहले मेजर ने जब माँ को प्रणाम किया तब दोनों की स्थिति कैसी थी?
उत्तरःयुद्धभूमि को जाते हुए मेजर ने जब माँ को प्रणाम किया तो सिर पर हाथ रख आशीर्वाद देते हुए माँ ने कहा – “बेटे, इस समय राष्ट्ररक्षा ही प्रत्येक भारतीय का सबसे बड़ा कर्तव्य है। जाओं और दृढ़ता से अपने कर्तव्य का पालन करो।” मेजर का गला रूँध गया और मातृभूमि का स्मरण हो आया।
3.युद्धभूमि को जाते हुए पुत्र के सिर पर हाथ रखकर माँ ने क्या आशीर्वाद दिये?
उत्तरःयुद्धभूमि को जाते हुए पुत्र के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए माँ ने कहा – “बेटे, इस समय प्रत्येक भारतीय को राष्ट्र रक्षा करना ही सबसे बड़ा कर्तव्य है। जाओ और दृढ़ता से अपने कर्तव्य का पालन करो। याद | रहे-भारतीय परंपरा सीने पर गोली खाने की है, पीठ पर नहीं।”
4.अमृतसर के अस्पताल में मेजर के अंतिम शब्द क्या थे ?
उत्तर:अमृतसर के अस्पताल में मेजर के अंतिम शब्द है “हाँ हैं मेरी माँ तक संदेश पहुँचा देना तुम्हारे बेटे ने गोलियाँ सीने पर खायी है, पीठ पर नहीं।’
5.मेजर आत्माराम त्यागी की युद्ध कौशलता के बारे में आप क्या जानते हैं ? अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तरःमेजर आशाराम त्यागी को पता था कि इच्छोगिल नहर का मोर्चा भारतीय सेना के लिए एक चुनौती है। अपनी युद्ध . कुशलता का परिचय देते हुए मौत की परवाह किये बिना मेजर ने मोर्चा संभाल लिया। इन पर देशभक्ति का जोश छाया हुआ था। वे धड़ा-धड़ गोलीबारी करते हुए दुश्मनों के टैंको को ध्वस्त करते हुए आगे बढ़ रहे थे। तभी दुश्मन की कई गोलियाँ एक साथ सनसनाती हुई इनके हाथ व पेट में घुस गई। स्थिति को समझते हुए सेना को पीछे हटने का आदेश जारी किया, पर मेजर के कदम नहीं रूके। दुश्मनों के सभी टैंको को ध्वस्त कर, विजयश्री गले लगाकर ही उन्होंने दम लिया।
III.उदाहरण के अनुसार विरोधार्थक शब्द लिखिएः
विलोम शब्द लिखिए
उदा : अच्छा x बुरा
बड़ा x छोटा
आगे x पीछे
दोस्त x दुश्मन
भेद्य x अभेद्य
IV. उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग एकवचन के बहुवचन रूप लिखिए :
‘ई’ की जगह ‘इयाँ’ लिखने से स्त्रीलिंग एकवचन का बहुवचन रूप बनता है। बदलते रूप को समझिए।
उदा : तैयारी – तैयारियां
छुट्टी – छुट्टियाँ
गोली – गोलियाँ
रोटी – रोटियाँ
लाठी – लाठियाँ
खिड़की – खिड़कियाँ
जिम्मेदारी – जिम्मेदारियाँ
V. नमूने के अनुसार शब्द बनाइए :
उदा : मालिक 5 मालकिन
धोबी →धोबिन
बाघ → बाघिन
माली → मालिन
साथी → साथिन
तेली → तेलिन
VI. नमूने के अनुसार अन्य वचन शब्द बनाइए :
उदा : परीक्षा – परीक्षाएं
माला – मालाएँ
शाखा – शाखाएँ
कविता – कविताएँ
पत्रिका – पत्रिकाएँ
रेखा – रेखाएँ।
VII. इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
उदाहरण : दीवार -इस दीवार का रंग सफेद है।
छुट्टी – ………….
वातावरण – ………………
प्रणाम – …………………..
आसान – ………………..
गोली – …………….
उत्तरः
छुट्टी – मेजर छुट्टी बिताने अपने घर गये ।
वातावरण – मेरा गाँव में हर तरफ शांति का वातावरण था।
प्रणाम – माँ के पैर छूकर प्रणाम किया।
आसान – हिन्दी सीखना आसान था। ।
गोली – मेजर के पेट या हाथ को गोली घुस गई
VIII. कन्नड़ या अंग्रेज़ी में अनुवाद कीजिए :
‘सर्वनाम वाक्य में ‘संज्ञा’ के बदले प्रयुक्त शब्द ‘सर्वनाम’ कहलाते हैं। सर्वनाम के प्रयोग से वाक्य सुंदर, सरल और संक्षिप्त लगते हैं। सर्वनाम के भेद :
1. पुरुषवाचक सर्वनाम
2. निजवाचक सर्वनाम – जैसे : खुद, स्वयं, स्वतः आदि।
3. निश्चयवाचक सर्वनाम – जैसे : इसने, इन्होंने, उसने, उन्होंने, मैं, हम, आदि
4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जैसे : कोई, कुछ, कहीं, किसी आदि
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जैसे : कौन, कहाँ, क्यों, किसमें आदि
6. संबंधवाचक सर्वनाम – जैसे : जो-सो, ज्यों-त्यों, जैसे-तैसे, जहाँ-तहाँ आदि
पूरक वाचन
पढ़िए और लिखिए :
आज से कई साल पहले तक लोग यही मानते थे कि पेड़-पौधों में जीवन नहीं होता । वे सुख-दुख का अनुभव नहीं कर सकते। परंतु हमारे ही देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ने प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध कर दिया कि पेड़पौधों में जीवन होता है। उन पर भी हमारी तरह गर्मी-सर्दी और विष आदि का प्रभाव पड़ता है। वे भी अन्य प्राणियों की तरह खाते-पीते, सोते-जागते, हँसते-रोते, काम करते और आराम करते हैं।
जगदीशचंद्र बसु ने सबसे पहले इस बात का पता लगाया था और यह भी सिद्ध कर दिया कि सभी जीवजंतुओं की तरह पेड़-पौधों में भी प्राण हैं, बिलकुल हमारी तरह। वे भी रात को आराम करते हैं। हमारी तरह उन्हें भी प्यास लगती है। इसलिए पेड़-पौधों को रोज़ पानी देना चाहिए।
1.इस गद्यांश के लिए उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर :पेड़-पौधे हमारी जीवन साथी/पेड़-पौधा मनुष्य एक है।
2.किस वैज्ञानिक ने बताया कि पेड़-पौधों में जीवन है?
उत्तर :जगदीशचन्द्र बसु ने बताया कि पेड़-पौधों में जीवन है ।
3.आज से कई साल पूर्व तक लोग क्या मानते थे?
उत्तर :आज से कई साल पहले तक लोग नहीं मानते थे कि पेड़-पौधों में जीवन नहीं होता।
4.पेड़-पौधे अन्य प्राणियों की तरह क्या-क्या करते हैं?
उत्तर :पेड़-पौधे अन्य प्राणियों की तरह खाते-पीते, सोते-जागते, हँसते-रोते, काम करते और आराम करते हैं।
"ನನ್ನ ದೇಶ, ನನ್ನ ತಾಯಿ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:
"ನನ್ನ ದೇಶ, ನನ್ನ ತಾಯಿ" ಇದು ಒಂದು ವೀರ ಸೈನಿಕನ ಕಥೆಯಾಗಿದೆ. ಶತ್ರುಗಳಿಂದ ದೇಶವನ್ನು ರಕ್ಷಿಸುವುದು ಪವಿತ್ರ ಕರ್ತವ್ಯವಾಗಿದೆ. ಯುದ್ಧಕ್ಕೆ ಹೆದರಿ ಓಡಿಹೋಗಬಾರದು.ಧೈರ್ಯದಿಂದ ಮುನ್ನುಗ್ಗಬೇಕು. ಆಗಲೇ ವೀರ ಸೈನಿಕರ ವಿಜಯಮಾಲೆ ಧರಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುತ್ತದೆ. ಮಕ್ಕಳ ಸಾಹಸ ಹಾಗೂ ಶೌರ್ಯದ ಈ ಕಥೆಯ ಘಟನೆ ಮುಖಾಂತರ ತಮ್ಮ ಕರ್ತವ್ಯದ ಬಗ್ಗೆ ಎಚ್ಚರಗೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ಒಂದು ಸಾವಿರದ ಒಂಬೈನೂರ ಅರವತೈದು -೧೯೬೫ ಇಸವಿಯ ಸಾಯಂಕಾಲದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲಡೆ ಶಾಂತಿಯ ವಾತಾವರಣವಿತ್ತು. ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ಭಯಭೀತಿ ಇರಲಿಲ್ಲ. ಆಗ ಈ ದಾಳಿಯಿಂದ ಭಾರತೀಯ ಸೈನ್ಯ ಬೆಚ್ಚಿ ಬಿದ್ದಿತು. ರಜೆಗಳನ್ನು ಕಳೆಯಲು ತನ್ನ ಊರಿಗೆ ಹೋಗಿರುವ ಸೈನಿಕರನ್ನು ತಕ್ಷಣವೇ ವಾಪಸ್ ಬರುವಂತೆ ಆದೇಶ ಕಳುಹಿಸಲಾಯಿತು.
ರಜೆಗಳನ್ನು ಕಳೆಯಲು ಬಂದಿದ್ದಂತಹ ಭಾರತೀಯ ಸೇನಾ ಧಿಕಾರಿ ಮೇಜರ್ ಸೂಚನೆಯನ್ನು ತಿಳಿದು ಹೊರಡಲು ಸಿದ್ದರಾಗಿ ತನ್ನ ತಾಯಿಯ ಪಾದಗಳನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿ ನಮ್ಮನ ನಮ್ಮನ್ನ ಸಲ್ಲಿಸಿದರು. ತಾಯಿಯಲ್ಲಿರುವ ಮಮತೆಯ ಭಾವನೆ ಜಾಗೃತಗೊಂಡಿತು ಆದ್ದರಿಂದ ಅವರಿಗೆ ಕಣ್ಣೀರು ಬಂತು ಹಾಗೂ ತನ್ನ ಮಗನನ್ನು ಹಪ್ಪಿಕೊಂಡರು ಭಾವುಕರಾಗಿರುವುದಿಂದ ಅವರ ಕಂಠದಿಂದ ಪದಗಳು ಹೊರಗೆ ಬರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ ತಕ್ಷಣವೇ ಅವರಿಗೆ ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ನೆನಪಾಯಿತು ಯುದ್ಧ ಭೂಮಿಗೆ ತೆರಳುತ್ತಿರುವ ಮಗನ ತಲೆ ಮೇಲೆ ಕೈ ಇಟ್ಟು ಆಶೀರ್ವಾದ ಮಾಡುತ್ತ ತಾಯಿಯವರು ಹೇಳಿದರು ."ಮಗನೇ ಈ ಸಮಯ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನು ರಾಷ್ಟ್ರವನ್ನು ರಕ್ಷಣೆ ಮಾಡುವುದು ಅವರ ಕರ್ತವ್ಯವಾಗಿದೆ ಹೋಗು".
"ನನ್ನ ದೇಶ, ನನ್ನ ತಾಯಿ" ಇದು ಒಂದು ವೀರ ಸೈನಿಕನ ಕಥೆಯಾಗಿದೆ. ಶತ್ರುಗಳಿಂದ ದೇಶವನ್ನು ರಕ್ಷಿಸುವುದು ಪವಿತ್ರ ಕರ್ತವ್ಯವಾಗಿದೆ. ಯುದ್ಧಕ್ಕೆ ಹೆದರಿ ಓಡಿಹೋಗಬಾರದು.ಧೈರ್ಯದಿಂದ ಮುನ್ನುಗ್ಗಬೇಕು. ಆಗಲೇ ವೀರ ಸೈನಿಕರ ವಿಜಯಮಾಲೆ ಧರಿಸಲು ಸಾಧ್ಯವಾಗುತ್ತದೆ. ಮಕ್ಕಳ ಸಾಹಸ ಹಾಗೂ ಶೌರ್ಯದ ಈ ಕಥೆಯ ಘಟನೆ ಮುಖಾಂತರ ತಮ್ಮ ಕರ್ತವ್ಯದ ಬಗ್ಗೆ ಎಚ್ಚರಗೊಳ್ಳುತ್ತಾರೆ. ಒಂದು ಸಾವಿರದ ಒಂಬೈನೂರ ಅರವತೈದು -೧೯೬೫ ಇಸವಿಯ ಸಾಯಂಕಾಲದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲಡೆ ಶಾಂತಿಯ ವಾತಾವರಣವಿತ್ತು. ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ಭಯಭೀತಿ ಇರಲಿಲ್ಲ. ಆಗ ಈ ದಾಳಿಯಿಂದ ಭಾರತೀಯ ಸೈನ್ಯ ಬೆಚ್ಚಿ ಬಿದ್ದಿತು. ರಜೆಗಳನ್ನು ಕಳೆಯಲು ತನ್ನ ಊರಿಗೆ ಹೋಗಿರುವ ಸೈನಿಕರನ್ನು ತಕ್ಷಣವೇ ವಾಪಸ್ ಬರುವಂತೆ ಆದೇಶ ಕಳುಹಿಸಲಾಯಿತು.
ರಜೆಗಳನ್ನು ಕಳೆಯಲು ಬಂದಿದ್ದಂತಹ ಭಾರತೀಯ ಸೇನಾ ಧಿಕಾರಿ ಮೇಜರ್ ಸೂಚನೆಯನ್ನು ತಿಳಿದು ಹೊರಡಲು ಸಿದ್ದರಾಗಿ ತನ್ನ ತಾಯಿಯ ಪಾದಗಳನ್ನು ಸ್ಪರ್ಶಿಸಿ ನಮ್ಮನ ನಮ್ಮನ್ನ ಸಲ್ಲಿಸಿದರು. ತಾಯಿಯಲ್ಲಿರುವ ಮಮತೆಯ ಭಾವನೆ ಜಾಗೃತಗೊಂಡಿತು ಆದ್ದರಿಂದ ಅವರಿಗೆ ಕಣ್ಣೀರು ಬಂತು ಹಾಗೂ ತನ್ನ ಮಗನನ್ನು ಹಪ್ಪಿಕೊಂಡರು ಭಾವುಕರಾಗಿರುವುದಿಂದ ಅವರ ಕಂಠದಿಂದ ಪದಗಳು ಹೊರಗೆ ಬರಲಿಲ್ಲ. ಆದರೆ ತಕ್ಷಣವೇ ಅವರಿಗೆ ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ನೆನಪಾಯಿತು ಯುದ್ಧ ಭೂಮಿಗೆ ತೆರಳುತ್ತಿರುವ ಮಗನ ತಲೆ ಮೇಲೆ ಕೈ ಇಟ್ಟು ಆಶೀರ್ವಾದ ಮಾಡುತ್ತ ತಾಯಿಯವರು ಹೇಳಿದರು ."ಮಗನೇ ಈ ಸಮಯ ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯನು ರಾಷ್ಟ್ರವನ್ನು ರಕ್ಷಣೆ ಮಾಡುವುದು ಅವರ ಕರ್ತವ್ಯವಾಗಿದೆ ಹೋಗು".
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