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मेरी अभिलाषा है - 7 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली


 मेरी अभिलाषा है

अभ्यास

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. कवि तारों के समान क्या करना चाहते है?
उत्तर : कवि तारो के समान चमकना चाहते है।

2. कवि कैसे चहकना चाहते है ?
उत्तर : वि पक्षियों के तरह चहकना चाहते है।

II. रिक्त स्थानों की पूर्ती करो :

1. कवि शशि से शितलता लेना चाहते है
2. कवि पर्वत से दृढता लेना चाहते है।

III. सही उत्तर चुनो :

1) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी सूरज सा _______ चाहते है।
1. दमकना
2. हसना
3. दौडना
4. भागना
उत्तर : 1. दमकना

2) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी कोयल सा _______ चाहते है।
1. गाना
2. बोलना
3. कुहकना
4. उडना
उत्तर : 3. कुहकना

3) कवि द्धारिका प्रासाद माहेश्वरी फूलों सा _______ चाहते है।
1. महकना
2. बहना
3. उमडना
4. उतरना – चढना
उत्तर : 1. महकना

IV. प्रथम पाँच पंक्तियाँ कंठस्थ करो:

1. सूरज – सा दमकूँ मै
2. चंदा – स चमकूँ मै
3. झलमल – झलमल उज्जवल
4. तारों – सा दमकूँ मै
5. मेरी – अभिलाषा है
सीखो।
उत्तर :
1. फूल – महकता है
2. सूरज – दमकता है
3. विहग – चहकता है
4. कोयल – कुहकता है
5. चंदा – चमकता है

VI. समझो और पूरा करो :
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VII. श्ब्दो को खोल : आओ, अंत्याक्षरी खेले। अंतिम वर्ण से चार चार नए शब्दो का निर्माण करो

नमूना : महक = कमरा, राम, महल, लडका
1. जीवन – नमन, नल, लडकी, कील
2. सुन्दर – राम, मकान, नस, सरल
3. सेवा – वाहन, नजर, रक्त, तलाब
4. हम – महल, लज्जा, जाम, मरण

VIII. वर्तनी शुद्ध करो :

1. अभिलषा – अभिलाषा
2. फुल – फूल
3. सुरज – सूरज
4. परवत – पर्वत
5. नब – नभ

मेरी अभिलाषा है 
 
आशय :
इस कविता में कवि कहते हैं कि प्रकृति और मानव का अटूट संबंध है। मनुष्य, सूरज, नक्षत्र, फूल, कोयल, चाँद, धरती आदि प्राकृतिक शक्तियों से ताकत, उत्साह, आनंद जैसी शक्तियों को पा सकता है।
सारांश :
मानव सूरज जैसा शक्तिवान बनना चाहता है। नक्षत्र जैसा चमकना चाहता है । फूलों की खुशबू पाना चाहता है। कोयल की तरह गाना चाहता है। आकाश से निर्मलता, चाँद से शीतलता, धरती से सहनशक्ति और पहाड़ से दृढ़ता पाना चाहता है ।
 
ಕವಿ ದ್ವಾರಕಾ ಬರಸಾತ್ ಮಹೇಶ್ವರಿ ಅವರು ಅಭಿಲಾಷಿಯ ಬಗ್ಗೆ ಮತ್ತು ಇಚ್ಛೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಸೇವೆ, ತಯಾರು, ಸಹನಶೀಲತೆ, ದೃಢತೆ ಹಲವು ಜೀವನದ ಮೌಲ್ಯಗಳು ಬಗ್ಗೆ ಸಂದೇಶ ಕೊಟ್ಟಿದ್ದಾರೆ.

ಸೂರ್ಯನ ತರಹ ಪ್ರಕಾಶಮಾನವಾದ ಚಂದ್ರನ ಹಾಕಿ ತಣ್ಣಗೆ ಹೊಳೆಯುವ ಕಾಂತಿಯಂತೆ ಪೂಜಲಿಸುವ ನಕ್ಷತ್ರಗಳಂತೆ ಕಂಗೊಳಿಸುವ ನಮ್ಮ ಇಷ್ಟವಾಗಿದೆ.

ಹೂಗಳಂತೆ ಪರಿಮಳ ಪಕ್ಷಿಗಳಂತೆ ಚಿಲಿಪಿಲಿ ಕಾಡಿನಲ್ಲಿ ತೂಗಾಡುವ ಗಿಡ ಮರಗಳು ಕೋಗಿಲೆಯ ಇಂಪಾದ ಹಾಡು ಮತ್ತು ನರ್ತನದ ಅಭಿಲಾಷೆ ಆಗಿರುತ್ತದೆ.

ಆಕಾಶದಂತೆ ನಿರ್ಮಲತೆಯಂತಿರಲು ಇಷ್ಟ. ಚಂದ್ರನ ಶೀಲತೆಯು, ಭೂಮಿಯಿಂದ ತಾಳ್ಮೆ, ಸಹಿಷ್ ಕಥೆ, ಪರ್ವತದಿಂದ ದೃಢತೆಯ ನನ್ನ ನಿಮ್ಮೆಲ್ಲರ ಅಭಿಲಾಷೆಯಾಗಿದೆ.
 

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