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बूंद बूँद से सागर - 7 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली


 बूंद बूँद से सागर

I) इन प्रश्नों को उत्तर लिखो:

1) सागर कैसे बनता है?
बूँद – बूंद से मिलकर सागर बन जाता है।

2) हम धनवान कैसे बन सकते है?
पैसे – पैसे को झुठाकर हम धनवान बन सकते

3) साल कैसे बनता है?
मिनट – मिनट ही तो मिलकर साल बनता है।

4) हिन्दुस्थान की यात्रा कैसे करोगे?
थोडा – थोदा चलकर ही तो देख सकोगें हिन्दुस्थान की यात्रा करोगे

II) इस पद्य भाग को पूर्ण करो:

बूँद – बूंद के मिलने से
बन जाता है सागर सूत –
सूत के मिलने से
बन जाती हय चादर

III) जोडकर लिखिए :

अ – आ
1. बूंद – बूंद के मिलने से – अ) बन जाओगे धनवान
2. मिनट – मिनट ही मिलकर – आ) और बाते प्यारी – प्यारी
3. पैसा – पैसा जोडो तो – इ) बन जाता है सागर
4. अच्छे – अच्छे काम करो – ई) बन जाता है साल
उत्तर :
1. इ,
2. ई,
3. अ,
4. आ

IV) सही वर्गों से खली जगह भरो:
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V) कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर खली स्थान भरो:
1. ______ पानी में रहती है। (मछली, कोयल, बैल)
2. एकता में ______ है। (फल, बल, जल)
3. हमारे राष्ट्रीय झडे में ______ (दो, आठ, तीन)
उत्तर :
1. मछली
2. बल,
3. तीन

VI) पानी में और पनी के बाहर रहनेवाले प्राणियों का वर्गीकरण करो :

1) मछली – 1. बाघ
2) कछुआ – 2. सियार
3) मेढक – 3. हाथी
4) मगरमच्छ – 4. शेर।
5) केकडा – 5. बिल्ली
6) आक्टोपस (आष्टपदि) – 6. गाय

VII) इन रंगों के पहचानों और उनका नाम लिखो:

1. काला
2. केसरिया
3. गुलाबी
4. केसरिया
5. हरा
6. नीला

VIII) नमूने के अनुसार लिखो:

बोल + ई = बोली
आभिमान + ई = आभिमानी
उपकार + ई = उपकारी
ज्ञान + ई = ज्ञानी.
सावधान + ई = सावधानी
जवान + ई = जवानी
नम्र + ता = नम्रता
सुंदर + ता = सुंदरता
दीन + ता = दीनता
संपन्न + ता = संपन्नता
समता + ता = समता

IX) नमूने के अनुसार मिलान करो:

1. भेड चराने वाला – अ) रसोईया
2. गाय चराने वाल – आ) किसान
3. खेती करने वाला – इ) ग्वाला
4. कपडा सीने वाल – ई) गडरिया
5. रसोई बनाने वाल – उ) दर्जी
उत्तर :
1. ई) गडरिया
2. इ) ग्वाला
3. आ) किसान
4. उ) दर्जी
5. अ) रसोईया

बूंद बूँद से सागर

प्रस्तुत कविता के कवि हय, श्री केदाथि कोमल बूंद – बूंद से कविता आशा की किरण कैव्ता संग्रह से ली गयी है। आप हिन्दी के समकालीन कवियों में प्रसीद्ध है।
 
इस कविता में एकता में जो बल है उस पर जोर दिया गया है। सब के मिलने से ही हिन्दुस्थान है।
पानी का हर बूंद मिलकर अंत में वह बडा सागर बन जाता है। उसी तरह रूई का हर धाग मिलने से ही बडा से चादर बन पाता है।
 
हर पल हर मिनत मिलकर साल बन जाता है। अगर हम दृढ निश्चय के साथ रहेगे तो कितना भी कटिन संमस्या क्यों न हो उसको हट कट सामना कर सकते है। तभी तो हर समस्या हल हो सकती है।
पैसा – पैसा जुठाकर हम धनवान बन सकते है। थोडा – थोडा चलते चलते रहने से सारे हिन्दुस्थान को धूम समते है। हम हिन्दूस्थानी है। हम सव के साथ प्यार से बाते करते हुए, सब मिलकर अच्छे – अच्छे काम करने से हमारा देश खुशी से झूम उठेगा सम्रद्धि से हमारी धरती नाच उठेगी।
 
 ಹನಿ ಹನಿ ಕೂಡಿ ದೊಡ್ಡ ಸಾಗರವಾಗುತ್ತದೆ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:

ಪ್ರಸ್ತುತ ಈ ಕವಿತೆಯಲ್ಲಿ ಒಟ್ಟುಗೂಡಿ ಏಕತೆಯಿಂದ ಬಾಳುವುದರಿಂದ ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಸಾಧ್ಯ ಎಂಬುದನ್ನು ಹಲವಾರು ಉದಾಹರಣೆಗಳಿಂದ ಸ್ಪಷ್ಟ ಪಡಿಸಲಾಗಿದೆ.

ಹನಿ ಹನಿ ಕೂಡಿ ದೊಡ್ಡ ಸಾಗರವಾಗುತ್ತದೆ. ದಾರದ ಪ್ರತಿ ಎಳೆ ಎಳೆಯು ಸೇರಿ ದೊಡ್ಡ ಜಮಕಾನ ಆಗುತ್ತದೆ.

ಪ್ರತಿಯೊಂದು ನಿಮಿಷವು ಸೇರಿ ಅದು ವರ್ಷವಾಗುತ್ತದೆ. ನಾವು ತಾನು ಮನಗಳಿಂದ ಅಂದರೆ ಶರೀರಕ್ಕವಾಗಿ ಹಾಗೂ ಮಾನಸಿಕವಾಗಿ ದೃಢ ನಿಶ್ಚಲವುಳ್ಳದಾದರೆ ಎಂತಹ ( ಸಮಸ್ಯೆ ಬಂದರೂ ಸುಲಭವಾಗಿ ಅದನ್ನು ಬಗೆಹರಿಸಬಹುದು).

( ಪೈಸೆ ಪೈಸೆ ಸೇರಿಸಿದಾಗ ನಾವು ಶ್ರೀಮಂತರಾಗಬಹುದು. ಹಣವಂತರಾಗಬಹುದು. ಸ್ವಲ್ಪ ದೂರ ಸಾಗುತ್ತಾ ನಡೆದಾಗ ಹಿಡಿ ಹಿಂದುಸ್ಥಾನವನ್ನೇ ಸುತ್ತಿ ಬರಬಹುದು.

ನಾವು ಎಲ್ಲರೊಡನೆ ಪ್ರೀತಿಯಿಂದ ವ್ಯವಹರಿಸುತ್ತಾ ಒಳ್ಳೆಯ ಕಾರ್ಯಗಳನ್ನು ಮಾಡುವುದರಿಂದ ನಮ್ಮ ದೇಶ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಆಗುತ್ತದೆ. ನಮ್ಮ ಭೂಮಿ ಸಂತೋಷದಿಂದ ನಲಿದಾಡುವಳು ಸರ್ವತೋಮುಖ ಅಭಿವೃದ್ಧಿ ಯಾಗುವುದು. ಆದ್ದರಿಂದ ನಾವೆಲ್ಲ ಒಟ್ಟಾಗಿ ನಗುತ್ತಾ ಪ್ರೀತಿಯಿಂದ ದೇಶಕ್ಕಾಗಿ ದುಡಿಯಬೇಕು.
 

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