चलना हमारा काम है
अभ्यास
I. एक कक्ष में उत्तर लिखिए :
1. परों में कैसी गति भरी है ?
उत्तर: पैरों में प्रबल गति भरी है।
2. कवि के अनुसार कब तक विसरू नहीं है ?
उत्तर: कवि के अनुसार जब तक मंजिल नहीं मिलती तब तक विसम नही है।
3. हमास काम क्या है ?
उत्तर: हमरा काम चलना है। चलते रहना हमारा काम है।
4. ककि किसकी खोज में भटक रहे हैं ?
उत्तर: कवि पूर्णता की खोज में भटक रहे है।
5. प्रत्येक पम पर क्या अटकता रहा है ?
उत्तर: प्रत्येक पग परा रोड्या अटकता रहा है।
6. किसकी गति रुकी नहीं है ?
उत्तर: जीवन की गति रुकी नही है।
7. चलना हमारा काम है के कवि कौन हैं ?
उत्तर: चलना हमारा काम है के कवि शिवमंगल सिंह सुमन है।
I. तीन्न कार्यों में उतर लिखिए :
1. आज मेरे सामने है रास्ता झक्ना पा पंक्ति का आशया क्या है ?
उत्तर: कवि इस पंक्ति में कहना चाहते हैं कि जीवन में हमें बहुत जिम्मेदारियाँ निभानी होती है। हमरे परिवार सगे संबंधियो के प्रति कर्तव्य को पूरा करना पड़ता है। साथ में हमें जीवन में अच्छे कार्य करने हैं। नाम रोशन करना है। जीवन को सार्थक बनाना है।
2. कक्ति की अंतिम पंक्तियों में कवि नें क्या संदेश दिया हैं ?
उतर: जीवन के सफर में बहुत से लोग भागीदार होते हैं। कुछ लोग वापस लौट जाते हैं। लेकिन जीवन कभी रुका नहीं। वह मंजिल की तरफ़ बढ़ता ही रहा। बहुत से लोग निराश होकर साथ छोड़ा, बहुत लोग हार गए। लेकिन जो लक्ष्य तक साथ रहे उनकी सफलता सर्वोत्तम है। जीवन का अर्थ चलते रहने से है। आदर उसी का होता है जो जीवन पथ पर कभी हार नहीं मानता है एवं निरंतर चलता रहता है।
III. तुकांत भों को फरूचावर लिखिए :
1. खवा
2. विसङ्ग
3. काम
4. अभिगम
उतर:
1. खवा – झवाः
2. विसङ्ग – असम
3. काम – झम्
4. अभिगम- विंसम्म
IV. निम्नलिखित पंक्तियों को सही भकें ले भरिया :
1. फिर क्यों रहूँ _______ खवा
2. तक तक _______ हैं।
3. कुछ _______ फिस गए
4. जो मिस गए _______ गए
उतर:
1. फिर क्यों रहूँ दर दर खवा
2. तक तक मुझे का विराम हैं।
3. कुछ बीच ही से से फिस गए
4. जो मिस गए सो मिर गए
V. उचित विलोम शब्दों में छाँटकर लिखिए :
1. किसम्म
2. पूर्णता
3. निसशाः
4. सफलता
5. सामने
6. जन्म
उतर:
1. किसम्म x अविसम्म
2. पूर्णता x अपूर्णता
3. निसशाः x आशा
4. सफलता x असफलता
5. सामने x पीछे
6. जन्म x मरण
VI. तो प्रत्यक्ष के जु5 की सूची बना :
1. भटक + ता
2. सुंदर + ता
3. चमक + ता
4. लघु + ता
5. बरस + ता
उतर:
1. भटक + ता = भटकता
2. सुंदर + ता = सुंदरता
3. चमक + ता = चमकता
4. लघु + ता = लघुता
5. बरस + ता = बस्सता
VIII. भावार्थ लिखिए :
कविता – चलना हमारा काम है।
कवि – शिवमंगल सिंह सुमन
भावार्थ – इस कविता में कवि कहते हैं कि मानवी जीवन चुनौतियों से भरा है। लेकिन लक्ष्यप्राप्ति तो हर हाल में करना है। चाहे हमारे रास्ते में कितनी भी कठिनाइयाँ आ जाएँ। जब तक आप अपनी मंजिल पर ना पहुँचे हमें आराम नही करना चाहिए। रास्ते में हमे बहुत लोग मिलेंगे। कुछ हमारे साथ आगे बढ़ते हैं, तो कुछ बीच रास्ते से ही मुकर जाते है। तो कोई कठिनाइयों से हार मानते हैं। हमें जीवन में हार न मानकर आगे बढना है, तभी तो हमें सफलता हासिल होगी। जीवन किसी के लिए रुकता नहीं। चलना ही हमारा काम है।
IX. अनुरूपता :
1. जन्म : मरण :: बहुत : ________
2. चलना : चलाना :: गिरना : ________
3. पैर : पाँव :: सडक : ________
4. रोडा : संज्ञा शब्द :: भटकना : ________
उतर:
1. जन्म : मरण :: बहुत : कम
2. चलना : चलाना :: गिरना : गिराना
3. पैर : पाँव :: सडक : मार्ग
4. रोडा : संज्ञा शब्द :: भटकना : क्रिया
चलना हमारा काम है
चलना हमारा काम है कविता का सारांशा :
कवि कहते है कि अगर मेरे पैरों में गति प्रबल (ताकतवर) है, तो मैं किसकारण रास्ते में खड्य रहूँ। मेरे सामने बहुत बड़ा मार्ग (रास्ला) है, मन में मंजिल पाने की चाह है। जब तक मैं अपना लक्ष्य नमः पाऊँ तब तक मैं कही भी. स्कनेवाला नहीं। मुझे मेस लक्ष्य किसी भी हाल में पास है। लेकिन बीच रास्ते में बहुत रकावटे हैं, कठिन्सइयाँ है। हर कदम पर मुश्कीलें है। इन सबको पार करना ही होगा। मुझे निराशा किस बात की, क्योंकि यही हमारा जीवन है और हमें चलना ही होगा। चलते चलते मेरे साथ बहुत साथी जुड़ गए। कुछ बीच रास्ते में से फिर गए तो कुछ लोगो ने जीवन से हार मान ली। गिरकर उठना बहुत बडी बात है। जो गिरकर पुनः उठकर चले सफलता उनसे कदम चूमेगी। टार मान्कर मत रकको चलते रहना ही हमारा काम | कर्तव्य है। जीवन की गति चलती ही रहती है।
ಮುಂದುವರೆಯುವುದು ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:
ಜೀವನದ ಪಯಣದಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ಅಡಚಣೆಗಳು ಬರುತ್ತವೆ. ಅಡಚಣೆಗಳನ್ನು ಎದುರಿಸಿ, ತನ್ನ ಗುರಿಯತ್ತ ಮುನ್ನಡೆಯುವ ವ್ಯಕ್ತಿ ಆದರಣಿ ಆಗುತ್ತಾನೆ ಎಂಬ ಸಂದೇಶ ನೀಡಿದ್ದಾರೆ- ಕವಿ ಸುಮರ್ಣವರು. ಕಾಲಲ್ಲಿ ಪ್ರಬಲವಾದ ಶಕ್ತಿ ಇರಲು, ಮನೆಯ ದ್ವಾರದಲ್ಲಿ ಏಕೆ ನಿಲ್ಲಲಿ? ನನ್ನ ಮುಂದೆ ಸಾಗಲು ರಸ್ತೆ ಇದೆ. ಗುರಿ ತಲುಪುವವರೆಗೂ ಇಲ್ಲಿ ವಿರಾಮ; ಮುಂದೆ ಸಾಗುವುದು ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ ನಾನು ಗುರಿಯನ್ನು ಹುಡುಕತ್ತಾ ಅಲೆಯುತ್ತಿದ್ದೆ. ಹೆಜ್ಜೆ ಹೆಜ್ಜೆಗೂ ಅಡಚಣೆ ಇದುರಾಗುತ್ತಿತ್ತು , ನಿರಾಶೆ, ನನಗೇಕೆ? ಇದೇ ಜೀವನ ಮುನ್ನಡೆಯುವುದೇ ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ. ಜೊತೆಯಲ್ಲಿ ನಡೆಯುತ್ತಿದ್ದವು. ಕೆಲವರು ಮಧ್ಯದಲ್ಲೇ ಬಿಟ್ಟು ಹೊರಟರು. ಆದರೂ ಜೀವನದ ಗತಿ ಇಲ್ಲಲಿಲ್ಲ. ಸೋತವರು ಸೋತರು, ಬಿದ್ದವರು ಬಿದ್ದರೂ, ಯಾರಲ್ಲಿ ಶಕ್ತಿ/ ಛಲ ಇದೆಯೋ ಅವರು ಸಫಲತೆ ಪಡೆದರು. ಗುರಿಯತ್ತ ನಡೆಯುವುದು ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ.
ಜೀವನದ ಪಯಣದಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ಅಡಚಣೆಗಳು ಬರುತ್ತವೆ. ಅಡಚಣೆಗಳನ್ನು ಎದುರಿಸಿ, ತನ್ನ ಗುರಿಯತ್ತ ಮುನ್ನಡೆಯುವ ವ್ಯಕ್ತಿ ಆದರಣಿ ಆಗುತ್ತಾನೆ ಎಂಬ ಸಂದೇಶ ನೀಡಿದ್ದಾರೆ- ಕವಿ ಸುಮರ್ಣವರು. ಕಾಲಲ್ಲಿ ಪ್ರಬಲವಾದ ಶಕ್ತಿ ಇರಲು, ಮನೆಯ ದ್ವಾರದಲ್ಲಿ ಏಕೆ ನಿಲ್ಲಲಿ? ನನ್ನ ಮುಂದೆ ಸಾಗಲು ರಸ್ತೆ ಇದೆ. ಗುರಿ ತಲುಪುವವರೆಗೂ ಇಲ್ಲಿ ವಿರಾಮ; ಮುಂದೆ ಸಾಗುವುದು ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ ನಾನು ಗುರಿಯನ್ನು ಹುಡುಕತ್ತಾ ಅಲೆಯುತ್ತಿದ್ದೆ. ಹೆಜ್ಜೆ ಹೆಜ್ಜೆಗೂ ಅಡಚಣೆ ಇದುರಾಗುತ್ತಿತ್ತು , ನಿರಾಶೆ, ನನಗೇಕೆ? ಇದೇ ಜೀವನ ಮುನ್ನಡೆಯುವುದೇ ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ. ಜೊತೆಯಲ್ಲಿ ನಡೆಯುತ್ತಿದ್ದವು. ಕೆಲವರು ಮಧ್ಯದಲ್ಲೇ ಬಿಟ್ಟು ಹೊರಟರು. ಆದರೂ ಜೀವನದ ಗತಿ ಇಲ್ಲಲಿಲ್ಲ. ಸೋತವರು ಸೋತರು, ಬಿದ್ದವರು ಬಿದ್ದರೂ, ಯಾರಲ್ಲಿ ಶಕ್ತಿ/ ಛಲ ಇದೆಯೋ ಅವರು ಸಫಲತೆ ಪಡೆದರು. ಗುರಿಯತ್ತ ನಡೆಯುವುದು ನಮ್ಮ ಕೆಲಸ.
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