बाल-शक्ति
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए:
1. कौन-कौन कंचे खेल रहे थे?
उत्तर: रामू और श्यामू कंचे खेल रहे हैं।
2. खेल में कौन सदा बेईमानी करता है?
उत्तर: रामू खेल में सदा बेईमानी करता है।
3. रामू को स्कूल जाने के लिए कौन कहता है?
उत्तर: रामू को स्कूल चलने के लिए मोहन कहता है।
4. रामू ने किस विषय का गृह-कार्य नहीं किया था?
उत्तर: रामू ने गणित का गृहकार्य नहीं किया था।
5. हमें किस उम्र में अच्छी आदतें डालनी है?
उत्तर: हमें 12 वर्ष की उम्र में अच्छी आदतें डालनी है।
6. रामू को टोली में लाने की जिम्मेदारी किसने ली?
उत्तर: रामू को टोली में लाने की जिम्मेदारी संजय ने ली।
7. टोली का मुखिया कौन बना?
उत्तर: टोली का मुखिया मोहन बना।
8. बच्चों की तारीफ किसने की?
उत्तर: बच्चों की तारीफ़ कलेक्टर ने की।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
1. रामू में फन सी बुरी आदतें थी ?
उत्तर: रामू में बेईमानी करने, झूठ बोलने एवं समय पर गृहकार्य न करने की बुरी आदते थी ।
2. तक क्या काम करते हैं?
उत्तर: गाँव की सफाई के लिए बालक संगठित हुए। स्कूल के परिसर को स्वच्छ करने के साथ-साथ गाँव की गंदगी दूर करने का निर्णय लिया। गाँव का कूड़ा डालने के लिए एक निश्चित जगह बनाने की सोची।
3. गाँव को आदर्श गाँव कैसे बनाया जा सकता है ?
उत्तर: गाँव को आदर्श गाँव बनाने के लिए लोगों को शिक्शित होना जरूरी है। आपस में मिलजुलकर काम करने की भावना होनी चाहिए।
4. कलेक्टर साहब ने बच्चों की बडाई में क्या कहा ?
उत्तर: कलेक्टर साहब ने बच्चों की बडाई में कहा कि उन्हें गाँव को साफ सुथरा देखकर खुशी हुई। सब बच्चों मिलकर गाँव को स्वच्छ वातावरण दिया गाँव को नया जीवन प्रधान किया इन बच्चों की जितनी बडई की जाए उतनी ही कम है।
5. पाँच हजार रूपये मिलने पर मोहन क्या सोचता है ?
उत्तर: पाँच हजार रुपये मिलने पर मोहन यह सोचता है कि ये रूपये प्रधानध्यापक जी को देंगे तो वे पाठशाल के पुस्तकालय में गरीब बच्चों के लिए पुस्तकों का प्रबंध कर सके।
III. मिलान कीजिए :
1. बेईमानी करनेवाला 1. रामू
2. टोली का नाम 2. बाल-शक्ति
3. इनाम के रुपये 3. पाँच हजार
4. टोली का मुखिया 4. मोहन
5. ये गाँव के सपूत हैं। 5. बुजुर्ग
IV. खाली जगह भरिए :
1. रामू और श्यामू कंचे खेल रहे थे।
2. गणित की कॉपी घर पर भूल आया हूँ ।
3. अभी से अच्छी आदतें डालनी चाहिए ।
4. रामू की गंदी आदतें छुडवाएँगे ।
5. रोज एक घंटा गाँव की सफाई में लगाएँगे।
6. कूडा डालने के लिए एक निश्चित जगह बनाएँगे ।
7. आपका गाँव एक आदर्श गाँव बन गया है।
V. शब्द लडी बनाइए :
जैसे : कंचा-चारु-रुपया-यार-रमा (अंतिम
वर्ण से एक नया शब्द)
1. बालक – कलम महिना नाव वजन
2. गाँव – वन’ नाम मकान नगद
3. टोली – लीन नमन नजर रहम
4. फलदार – रकम मानव वसंत तरकश
5. इनाम – मजेदार रथ थकान नाम
VI. विलोम शब्द लिखिए:
उदाः अपना ग पराया
1. रात × दिन
2. आदि × अनादि
3. आयात × निर्यात
4. आय × व्यय
5. उल्टा × सीधा
6. हानि × लाभ
7. तोड × जोड
8. थोडा × ज्यादा
9. उतार × चढाव
VII. ‘बेईमानी’ ईमानी का विलोम शब्द है।
‘ईमानी’ शब्द से पहले ‘बे’ प्रत्यय जोड़ने से यह शब्द बना है। इसी तरह अप, अन, कु, बद उपसर्गों (प्रत्यय) को जोड़कर पाँच-पाँच शब्द बनाइए।
‘न’ को अंतिम अक्षर के रूप में प्रयोग कर शब्द रचिए :
नमूना : जन मन
धन तन – जन – धन – बन – फन
सुन वन – बुने – ऊन – शान – गान
VIII. अर्थपूर्ण वाक्य बताइए
श्यामू
कलेक्टर साहब
मोहन
बालकों की
बालक इनाम
टोली
कंचा देते हैं।
बनती है।
खेलते हैं।
बनाते हैं।
लेता है।
खेलता है ।
1. कलेक्टर साहब इनाम देते है।
2. मोहन इनाम लेता है।
3. बालकों की टोली बनती है।
4. बालक कचा खेलता है ।
भाषा ज्ञान
I. व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञाओं को पहचानिए :
मुखिया, कलेक्टर, गाँव, बाल-शक्ति, श्यामू, रामू, बालक, गणित, मोहन, गुरुजी, मनोज, कमीज.
व्यक्तिवाचक संज्ञा जातिवाचक संज्ञा
श्यामू
रामू
मोहन
मनोज ,मुखिया
कलेक्टर
बालक
गणित
गुरुजी, कमीज
गाँव, बालशक्ति
II. इस नाटिका में मार, छोड, पकड, बोल, डाल, दे, लगा, मान जैसे अनेक धातुओं का प्रयोग हुआ है। नीचे दिये गये शब्दों को उचित धातुओं के साथ लिखिए :
1. कमीज – फाड
2. पेड – लगा
3. रुपये – गनि
4. कंचा – मार
5. गुस्सा – छोड
6. सच – बोल
7. बात – मान
8. कूडा – फेंक
विशेष सूचनाः ‘क्रिया’ का मूल रूप धातु’ है ।।
III. इस नाटिका में संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग हुआ है जैसे-खेलने लगा, बन गया इत्यादि । इस तरह के क्रिया-युग्मों को हूँढकर सूची बनाइएः
सूचनाः संयुक्त क्रिया/क्रिया-युग्म = ‘दो क्रियाओं का एक साथ प्रयोग।
बाल-शक्ति
बाल-शक्ति लेखक परिचय :
जगतराम आर्य जी का जन्म ऊना, हिमाचलप्रदेश में 16 दिसंबर सन् 1910 को हुआ। आपकी पढ़ाई निकट गाँव के डी.ए.वी. स्कूल में हुई। स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक पं. तुलसीराम जी की देखरेख में शिक्षा हुई। आप अमर शहीद भगतसिंह के साथ कई क्रांतिकारी घटनाओं से जुड़े रहे। आप स्वतंत्रता आंदोलन के समय भाई परमानंद के साथ भी रहे जो बहुत बड़े देशभक्त थे और उनके साथ कई-कई दिन अज्ञातवास भी किया। 4 अगस्त, सन् 1993 को जगतराम आर्य जी का देहांत हुआ।
पाठ का आशय :
इस पाठ में पाँच-छः लड़के संगठित होकर अपनी बाल-शक्ति को प्रकट कर रहे हैं। यह लड़के एक साथ रहकर अच्छी आदतों को अपनाने का प्रयत्न करते हैं। इतना ही नहीं सब बच्चे मिलकर अपने गाँव को एक नया जीवन प्रदान करते हैं। इस पाठ द्वारा बाल-शक्ति का महत्व बताया जा रहा है।
पाठ का सारांशः
इस लघु नाटिका में बच्चों की संगठित शक्ति को उजागर किया गया है। रामू और श्यामू कंचे खेलते हुए झगड़ पड़ते हैं। रामू हारने पर भी झूठ बोलता है। तीसरा बच्चा मोहन बीच बचाव करता हैं। स्कूल की घंटी बजने पर भी रामू स्कूल नहीं जाता है तो पता चलता है कि उसने गणित का गृहकार्य नहीं किया है। वह जिस दिन कक्षा में काम दिखाना होता है उस दिन छुट्टी ले लेता है। मोहन रामू को समझाता है लेकिन रामू कंचे खेलने में व्यस्त हो जाता है।
दूसरे दृश्य में सभी विद्यार्थी भोजनावकाश में बातें करते हैं और रामू के व्यवहार पर चिंता व्यक्त करते है। श्यामू कहता है हमें इस उम्र में अच्छी आदतें डालनी चाहिए। वे रामू को सुधारने के लिए एक टोली का निर्माण करते है। इस टोली का नाम ‘बाल-शक्ति’ रखा जाता है। टोली का कार्यक्रम बनाया जाता है, जैसे उन साथियों का ध्यान रखना जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते; दूसरा, गाँव की गंदगी को साफ करना, खाली गड्ढ़ों को ढाँपना, कूड़ा रखने की जगह निश्चित करना; पेड़-पौधे लगाना और रोज एक घंटे सफाई करना। मोहन को टोली का मुखिया बनाया जाता है।
एक साल बाद गाँव में विशाल सभा होती है जिसमें कलेक्टर, विधायक, सरपंच आते हैं। कलेक्टर गाँव को साफ सुथरा देख प्रसन्न होते हैं। बाल शक्ति की तारीफ़ करते हैं और पाँच हजार के ईनाम की घोषणा करते हैं। मोहन ईनाम के रूपयों को स्कूल के प्रधानाध्यापक को पुस्तकालय में गरीब बच्चों के लिए पुस्तकों का प्रबंध करने के लिए देता है। गाँव के बुजुर्ग बच्चों को सच्चे सपूत बताते हैं। सभी बाल-शक्ति की जय बोलते हैं।
ನಾಟಕ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:
ಮಕ್ಕಳಲ್ಲಿರುವ ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಹೇಗೆ ಸಮಾಜದ ಒಳತ್ತಿಗೆ ಉಪಯೋಗಿಸಬಹುದು ಎಂಬ ಸಂದೇಶವನ್ನು ನಾಟಕ ಕೊಡುತ್ತದೆ. ಇದು ಸಂಘಟನಾ ಶಕ್ತಿಯ ಬಗ್ಗೆ ಪ್ರೇರಣದಾಯಕವಾಗಿದೆ.
ಪಾತ್ರಗಳು: ಶಾಲೆಯ ಮಕ್ಕಳು, ಉಪಾಧ್ಯಾಯರು, ಸರ್ಕಾರಿ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ಹಾಗೂ ನಾಗರಿಕರು.
ಮೊದಲನೇ ದೃಶ್ಯ ರಾಮ ಮತ್ತು ಶಾಮು ಗೋಲಿ ಆಟ ಆಡುತ್ತಿದ್ದಾರೆ. ಆಟದಲ್ಲಿ ಸೋಲು ಗೆಲುವಿನ ಬಗ್ಗೆ ವಿವಾದವಾಗಿ ಜಗಳಕ್ಕೆ ಶುರು ಮಾಡುತ್ತಾರೆ. ಅಷ್ಟರಲ್ಲಿ ಶಾಲೆಯ ಗಂಟೆ ಬಾರಿಸುತ್ತದೆ. ಶ್ಯಾಮು ಶಾಲೆಗೆ ತೆರಳುತ್ತಾನೆ. ಆದರೆ ರಾಮು ಲೆಕ್ಕದ ಮನೆ ಪಾಠ ಮಾಡಿ ಮಾಡದಿದ್ದರಿಂದ ಶಾಲೆಗೆ ಹೋಗಲು ನಿರಾಕರಿಸುತ್ತಾನೆ. ರಾಮು ಮತ್ತೆ ಗೋಲಿ ಆಟಕ್ಕೆ ತೊಡಗುತ್ತಾನೆ.
ಎರಡನೆಯ ದೃಶ್ಯ ಶಾಲೆಯ ಮಕ್ಕಳು ಗುಂಪಾಗಿ ರಾಮುವಿನ ಬಗ್ಗೆ ಚರ್ಚಿಸುತ್ತಾರೆ. ರಾಮವನ್ನು ಒಳ್ಳೆಯ ದಾರಿಗೆ ತರುವ ಬಗ್ಗೆ ಯೋಚಿಸುತ್ತಾರೆ. ರಾಮವಿನ ಜಗಳಗಂಟನ ಸುಳ್ಳು ಹೇಳುವುದು ಅವರಿಗೆ ಬೇಸರ ಮೂಡಿದೆ. ಅಷ್ಟರಲ್ಲಿ ಶಾಲೆಯ ಗಂಟೆ ಬಾರಿಸಿ ಎಲ್ಲಾ ಮಕ್ಕಳು ತರಗತಿಗಳಿಗೆ ತೆರಳುತ್ತಾರೆ ಹಾಗೂ ರಾಮುನನ್ನು ಒಳ್ಳೆಯ ದಾರಿಗೆ ತರಲು ಒಂದು ಗುಂಪನ್ನು ರಚಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಮೂರನೆಯ ದೃಶ್ಯ ಮಕ್ಕಳೆಲ್ಲ ಸೇರಿ ಬಾಲ ಶಕ್ತಿ ಎಂಬ ಗುಂಪನ್ನು ರಚಿಸುತ್ತಾರೆ. ಬಾಲ ಶಕ್ತಿಯ ಮೂಲಕ ಈ ಕೆಳಕಂಡ ಕಾರ್ಯಗಳನ್ನು ಮಾಡಲು ನಿಶ್ಚಯಿಸುತ್ತಾರೆ.
1. ಶಾಲೆಗೆ ಬರದೆ ಇರುವ ಮಕ್ಕಳನ್ನು ಮರಳಿ ಶಾಲೆಗೆ ಕರೆತರುವುದು.
2. ಶಾಲೆಯ ಆವರಣವನ್ನು ಸ್ವಚ್ಛವಾಗಿಡುವುದು.
3. ಗ್ರಾಮದ ಪರಿಸರವನ್ನು ಸ್ವಚ್ಛಗೊಳಿಸುವುದು ಹಾಗೂ ಗ್ರಾಮದ ರಸ್ತೆ ದುರಸ್ತಿ ಮಾಡುವುದು. ಗ್ರಾಮದ ಪರಿಸರದಲ್ಲಿ ಮರ ಗಿಡಗಳನ್ನು ಬೆಳೆಸುವುದು. ಮನೆಯ ಸುತ್ತಮುತ್ತ ಫಲ ಕೊಡುವ ಮರಗಳನ್ನು ಬೆಳೆಸುವುದು. ಮೋಹನವನ್ನು ಗುಂಪಿನ ನಾಯಕನಾಗಿ ಚುನಾಯಿಸುತ್ತಾರೆ. ರಾಮು ಗುಂಪಿನ ಸದಸ್ಯನಾಗುತ್ತಾನೆ ಮತ್ತು ನಿಯಮಿತವಾಗಿ ಶಾಲೆಗೆ ಹೋಗುವುದಾಗಿ ತಿಳಿಸುತ್ತಾನೆ.
ನಾಲ್ಕನೇಯ ದೃಶ್ಯ ಒಂದು ವರ್ಷದ ನಂತರ ಬಾಲ ಶಕ್ತಿಯ ಪ್ರಯತ್ನದ ಫಲವಾಗಿ ರಾಮು ಸುಧಾರಿಸುತ್ತಾನೆ. ಶಾಲೆಯ ಅಂಗಳ ಸ್ವಚ್ಛವಾಗಿದೆ. ಗ್ರಾಮದ ಪರಿಸರ ಸ್ವಚ್ಛವಾಗಿ, ರಸ್ತೆಗಳು ದುರಸ್ತಿ ಹೊಂದಿವೆ ಮರ-ಗಿಡಗಳು ಬೆಳೆದಿವೆ. ಇದರಿಂದ ಗ್ರಾಮ ಮಾದರಿ ಗ್ರಾಮ ಎನ್ನಿಸಿಕೊಂಡಿದೆ. ಜಿಲ್ಲಾಧಿಕಾರಿಗಳು ಶಬಲ ಶಕ್ತಿಯ ಕಾರ್ಯವನ್ನು ಶ್ಲಾಘಿಸಿ ಸರ್ಕಾರದ ವತಿಯಿಂದ ರುಪಾಯಿ 5000 ಬಹುಮಾನವನ್ನು ಘೋಷಿಸುತ್ತಾರೆ. ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಬಾಲ ಶಕ್ತಿಯ ಸದಸ್ಯರನ್ನು ಅಭಿನಂದಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಬಾಲ ಶಕ್ತಿ ಗುಂಪಿನ ನಾಯಕ ಮೋಹನ ಬಹುಮಾನದ ಹಣವನ್ನು ಸ್ವೀಕರಿಸಿ ಅದನ್ನು ಮುಖ್ಯೋಪಾಧ್ಯಾಯರಿಗೆ ನೀಡಿ ಬಡ ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಕ್ಕಾಗಿ ಉಪಯೋಗಿಸಬೇಕು ಎಂದು ವಿನಂತಿಸುತ್ತಾನೆ. ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಬಾಲ ಶಕ್ತಿಯ ಒಳ್ಳೆಯ ಕಾರ್ಯಗಳನ್ನು ಪ್ರಶಂಸಿಸುತ್ತಾರೆ.
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