Recent Posts

आक्ल चली, बला - 7 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली

  आक्ल चली, बला

I) इन प्रश्नों को उत्तर लिखो:

1. पीपल का पेड कहाँ था?
उत्तर : पीपल का पेड जंगल मे था

2. कबूतर दिन भर क्यो घूमते थे?
उत्तर : कबूतर दिन भर आहार के लिए घूमते थे।

3. बे रातभर कहाँ आराम करते थे?
उत्तर : वे रातभर पीपल के पेड पर आराम करते थे।

4. कबूतरों को धरती पर क्या दिखाई पडा?
उत्तर : कबूतरों को धरती पर दाने दिखाई पडा।

5. जाल किस ने बिछाया था?
उत्तर : जाल बहेलिया ने जाल बिछाया।

6. क्या बूढा कबूतर भी जाल में फासँ गया?
उत्तर : नही बूढा कबूतर जाल में नही फासँ।

7. बूढे कबूतर का मित्र कौन था?
उत्तर : बूढे कबूतर का मित्र चूहा था।

8. कबूतरों की मदद किसने की?
उत्तर : कबूतरों की मदद करनेवाला था चूहा।

9. इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर : इस पाठ से वह सीख मिलती है कि बूढो का कहना माननो चाहिए।

II) दो – तीन वाक्यों में उत्त्र लिखो:

1. कबूतर दाना खने जाते तो बूढे कबूतर ने उनको क्यों रोका?
उत्तर : कबूतर दाना खाते समय बूढे कबूतर ने उनको रोका। इस जंगल के बीच में आगर दान है। तो कही नकही कुछ न कुछ बुरा होनेवाला है। यह सोच कर ही बूढा कबूतर उन्को रोका।

2. कबूतर जाल में क्यों फसँ गये?
उत्तर : कबूतर ने दाने खने के लोभ में आकर जाल में फासँ गये।

3. चूहे ने कबूतरो की मदद किस प्रकार की?
उत्तर : चूहे ने कबूतरों के जाल को आपने दाँतों से काटकर कबूतरों को जाल से छुडाकर उन्की मदद की।

III) आन्य वचन लिखो :

1. पेड – पेड
2. बात – बाते
3. कबूतर – कबूतरे
4. दाना – दाने
5. चूहा – चूहे.

IV) इन शब्दों के लिए विलोम शब्द ‘लिखिए :

1. एकता x अनेकता
2. दिन x रात
3. दूर x पास
4. उतरना x चढना
5. आगे x पीछे

V. कन्नड या अंग्रेजी में अनुवाद करो.
 photo

VI) समान आर्थवाले शब्दो को पहचानकर के आनुसार लकीर खीचो:

1. खोजना – पक्षी
2. मित्र – सहायता
3. मदद – ढूढना
4. धरती – खाना
5. भोजन – भूमि
6. चिडिया – दोस्त.
उत्तर :
1. ढूढना,
2. दोस्त,
3. सहायता,
4. भूमि,
5. खाना,
6. पक्षी.

VII) कोष्ठक में दिया गऐं शब्दों से खली जगहों को भरो: (बहेलिया, डाक्टर, धोबी, दार्जी, बाढई)
उदा :
इलाज करनेवाल डाक्टर
1. कपडे सीनेवाला दर्जी
2. लकंडी की चीजें बनानेवाला बढई
3. चिडिया पकडनेवाला बहेलिया
4. कपडे धोनेवाला धोबी,

VIII) बच्चो, जरा बताओ मै कौन हूँ

1) मैं मधुर गाती हूँ कोयल
2) मैं सुंदर नाचता हूँ मोर
3) मैं शांति का प्रतीक हूँ कबूतर
4) मैं पानी में तैरता हूँ हंस
5) मेरी नाक लाल है तोता
 
IX) नमूने के अनुसार खाली जगह भरो :
नामून : कबूतर धरती पर युग रहे है कबूतर धरती पर चुगने लगे (चुगाना)

1) कबूतर धरती पर उतर रहे है।
कबूतर धरती पर उतरने लगे।

2) चूहे जाल काट रहे है।
चूहे जाल काटने लगे।

3) कबूतर जाल लेकर ‘उड रहे है
कबूतर जाल लेकर उडने लगे।

X) पाठ के आधार पर, तलिका की सहायता से वाक्य बनाओ :

कबूतर भोजन की खोज में गए।
 
1) बूढा कबूतर उनके साथ नही गया।
2) उसने एक पेड की तरफ इशारा किया।
3) चूहे ने जाल काट दिया।
4) उन्होने चूहे धन्यवाद दिया।

आक्ल चली, बला 
“एकता का लाभ” नीतिबोध की कहानी है। कबूतरों का दाने रकने के लोभ में जाल में फँसना सब को मिलकर जाल को ही उठाकर उडना और चूहे की मदद … से जाता को काटना आदि का रोचक वर्णन है।
 
जंगल में पीपल का एक पेड था। उस पेड पर बहुत से कबूतर रहते थे। कबूतर रातभर आराम करते दिन में भोजन की खोज में घूमते रहते।
एक दिन की बात है। कबूतर भोजन की खोज में गया। थोडी दूर पर धरती पर दाने बिखरे पडे थे।।
छोटे छोटे सभी कबूतर बोल ठटरो अभी मत जाओ जंगल में इतने दाने कहाँ से आए।
किन्तु कबूतर को सिर्फ दाने चाहिए। सोच विचार किए बिना धरती पर उतरने लगे। बूढा कबूतर समझाने लगा, किन्तु माने नही। सब दाने की लालच में पडकर खुशी से दाने खा लिए। बाद में वे उड्ना चाहते थे। तब कबूतर चिल्लाने लगे इसी लिए जाल को बिछायो था वह बहेलिया भी आते हुए दिखयी पडा। कबूतर सभी घबरा गए। तब बूढा कबूतर बोला – घबाराओ मत सब मिलकर
जोर लगाकर एक साथ जाल को लेकर उड चलो। बडे कबूतर की बात मानकर सभी कबूतरों ने मिलकर जोर लगाकर जाल लेकर उडने लगे बडा कबूतर आगे – आगे उड रहा था। सारे कबूतर जाल के साथ उसका पीछा किया।
एक पेड की और इशारा करते हुए कहा – यहाँ उतर जाओ। यह मेरा मित्र है। यह हमारी मदद करेगा।
बूढा कबूतर चूहे को बुला लाया चूहे ने जाल काट दिया। कबूतर जाल से निकल आए। उन्होने चूहे को धन्यवाद दिया।
 
ಪ್ರಸ್ತುತ ಒಗ್ಗಟ್ಟಿನಲ್ಲಿ ಬಲವಿದೆ ಎಂಬುದು ಒಂದು ನೀತಿ ಬೋಧಕ ಕಥೆಯಾಗಿದೆ. ಪಾರಿವಾಳಗಳು ಧಾನ್ಯ ತಿನ್ನುವ ದುರಾಸೆಯಲ್ಲಿ ಬೇಡನ ಬಲೆಗೆ ಬೀಳುವುದು ನಂತರ ಒಟ್ಟಾಗಿ ಬಲೆ ಎತ್ತಿಕೊಂಡು ಹೋಗುವುದು ನಂತರ ಇಲಿಯ ಸಹಾಯದಿಂದ ಬಂದ ಮುಕ್ತರಾಗುವುದು ಈ ಕಥೆಯ ಮುಖ್ಯಾಂಶಗಳು.

ಒಂದು ಕಾಡಿನ ಅರಳಿ ಮರದ ಮೇಲೆ ಹಲವಾರು ಪಾರಿವಾಳಗಳು ವಾಸವಾಗಿದ್ದವ. ಆ ಪಾರಿವಾಳಗಳು ದಿನದಲ್ಲಿ ಆಹಾರ ಹುಡುಕಿಕೊಂಡು ಹೊರಗೆ ಹೋಗುತ್ತಿದ್ದವು. ರಾತ್ರಿ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಪುನಹ ವಾರದಲ್ಲಿ ವಿಶ್ರಾಂತಿ ತೆಗೆದುಕೊಳ್ಳುತ್ತಿದ್ದವು.

ಒಮ್ಮೆ ಪಾರಿವಾಳಗಳೆಲ್ಲ ಆಹಾರ ಹುಡುಕಿಕೊಂಡು ಒರಟವು. ಸ್ವಲ್ಪ ದೂರದಲ್ಲಿ ಸಾಕಷ್ಟು ಕಾಳುಗಳು ಕಂಡವು. ಬಹಳ ಸಂತೋಷದಿಂದ ಆ ಕಡೆ ಹೊರಟವು. ಅಷ್ಟರಲ್ಲಿ ಹಿರಿಯ ಪಾರಿವಾಳವನ್ನು ಪಡೆಯಿರಿ, ಹೋಗಬೇಡಿ ಆ ಕಾಡಿನ ಮಧ್ಯದಲ್ಲಿ ಈ ಕಾಳು ಕಡ್ಡಿಗಳು ಎಲ್ಲಿಂದ ಬರಬೇಕು, ದುಡುಕಬೇಡಿ ಹೋಗಬೇಡಿ ಆಪತ್ತು ಉಂಟಾಗಬಹುದೆಂದು ಎಚ್ಚರಿಸಿತು. ಆದರೂ ಪಾರಿವಾಳಗಳು ಆ ಕಾಳಿನ ಆಸೆಯಿಂದ ಇಳಿದುಬಂದು ದಿನ ತೊಡಗಿದವು. ಆದರೆ ಹಿರಿಯ ಪಾರಿವಾಳ ಮಾತ್ರ ಇಳಿಯಲಿಲ್ಲ.

ಪಾರಿವಾಳಗಳೆಲ್ಲವೂ ಕಾಳುಗಳನ್ನು ತಿಂದ ಮೇಲೆ ಹಾರಲು ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿದ್ದವು. ಆದರೆ ಸಾಧ್ಯವಾಗಲಿಲ್ಲ. ಆಗ ಅವುಗಳಿಗೆ ತಾವು ಬಲೆಯಲ್ಲಿ ಸಿಕ್ಕಿಬಿರುವುದು ತಿಳಿದು. ಎಲ್ಲವೂ ಕಿರುಚಾಡುತ್ತಿದ್ದವು. ಆಗ ಹಿರಿಯ ಪಾರಿವಾಳ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಧೈರ್ಯ ಹೇಳಿ ಉಪಾಯ ಹೇಳಿತು. ನೀವೆಲ್ಲರೂ ಒಟ್ಟಾಗಿ ಧೈರ್ಯದಿಂದ ಒಟ್ಟಾಗಿ ಬಲೆಯೊಂದಿಗೆ ಹಾರಿರಿ ಎಂದು ಹೇಳಿತು. ಪಾರಿವಾಳಗಳು ಮೊದಲಿಗೆ ಪ್ರಯತ್ನಿಸಿದ್ದವು. ಆದರೆ ಸಾಧ್ಯವಾಗಲಿಲ್ಲ. ಮತ್ತಷ್ಟು ಬಲ ಪ್ರಯೋಗದಿಂದ ಹಾರಿದವು ಹಿರಿಯ ಪಾರಿವಾಳ ಮುಂದೆ ದಾರಿ ತೋರಿಸುತ್ತಾ ಹಾರುತ್ತಿತ್ತು ಉಳಿದವುಗಳು ಬಲೆಯೊಂದಿಗೆ ಹಿಂಬಾಲಿಸುತ್ತಿದ್ದವು. ಸಾಕಷ್ಟು ದೂರ ಹಾರಿದ ಮೇಲೆ ಒಂದು ಮರ ತೋರಿಸಿ ಅದರ ಕೆಳಗೆ ಮಾಡಿ ತಾನು ಇಳಿದು.

ಬಲೆಯಲ್ಲಿದ್ದ ಪಾರಿವಾಳಗಳಿಗೆ ಧೈರ್ಯ ಹೇಳಿ ಇಲ್ಲಿ ತನಗೊಬ್ಬ ಇಲ್ಲಿ ಮಿತ್ರ ಇರುವುದಾಗಿ ಹೇಳಿ ಅದು ತನ್ನ ಮಿತ್ರ ಇಲಿಯನ್ನು ಕೂಗಿತು. ಇಲ್ಲಿ ಬಂದು ಬಲೆಯನ್ನು ಕಚ್ಚಿ ಪಾರಿವಾಳಗಳನ್ನು ರಕ್ಷಿಸುತ್ತು. ಪಾರಿವಾಳಗಳು ಇಲಿಗೆ ಧನ್ಯವಾದ ಹೇಳಿ ಒರಟವು.

You Might Like

Post a Comment

0 Comments