मौसी
अभ्यास
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
1. माँ के जैसे प्यारी कौन थी ?
उत्तर: माँ के जैसे प्यारी मौसी थी।
2. मौसी सभी को किस समय में साथ देती थी ?
उत्तर: मौसी सभी को सुख-दुख के समय साथ देती थी।
3. दोपहर होने पर मौसी कहाँ पहुँच जाती थी ?
उत्तर: दोपहर होने पर माँसी स्कूल के फाटक पर पहुँच जाती थी।
4. मौसी बच्चों को क्या-क्या खिलाती थी ?
उत्तर: मौसी बच्चों को चने, टिकिया, मूंगफली खिलाती थी।
5. मौसी के बिना सारा मोहल्ला कैसा लगता था ?
उत्तर: मौसी के बिना सारा मोहल्ला सूना-सूना। लगता था।
6. लडके भागकर क्या उठा ले आए ?
उत्तर: लडके भागकर खाट उठा ले आए।
7. बच्चों ने हेडमास्टर से क्या बिनती की ?
उत्तर: बच्चों ने हेडमास्टर से विनतीकी कि मौसी | को स्कूल में काम दिया जाय।
8. मोसी के जीवन में कैसे दिन लौट आए ?
उत्तर: मौसी के जीवन में खुशी के दिन लौट आए।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. मौसी बच्चों को कौन-कौन सी कहानियाँ सुनाती थी ?
उत्तर: मौसी बच्चों को तोता-तोते की कहानी, काठ के घोडे की कहानी, वीरोचित कहानी आदि सुनाती थी।
2. बच्चे मौसी को कहाँ-कहाँ ढूंढते हैं ?
उत्तर: जब स्कूल से छुट्टी हुई तो मौसी फाटक पर नहीं मिली। शाम में बच्चे अब खेलने के लिए निकले तब मौसी पेड के नीचे भी नहीं थी। किसी को भी मालूम नहीं था कि मौसी कहाँ गई है। उसके बिना सारा मोहल्ला सूना-सूना लगता था। बच्चे मौसी की खोज में घूमने लगे।
3. मकान के अंदर से बच्चों को कैसी आवाजें सुनायी दीं ?
उत्तर: मकान के अंदर से ऊँची-ऊँची आवाज़ सुनाई दी, “हमने ठेका तो नहीं ले रखा है मौसी। बीस दिन से तुम यहाँ हो। अब तुम किसी दूसरे के घर चली जाओ।”
4. बच्चों को क्यों गुस्सा आया ?
उत्तर: बच्चों ने मौसी को बहुत बुरी हालत में देखा। इसके बाल उलझे हुए और चेहरा सूखा हुआ था। ऐसी स्थिति में देखकर बच्चों को बहुत गुस्सा आया।
III. तीन-चार वाक्यों में उत्तर लिखिए
1. मौसी और बच्चों के बीच में क्या बातचीत हुई?
उत्तर: मौसी से बच्चों ने पूछा – “तू इतने दिन कहाँ थी मौसी? यहाँ क्यों बैठी हो?” मौसी ने कहा “मैं यहाँ से जा रही हूँ बेटा।’ कहते हुए मौसी की आँखे भर आईं। “तू तो बीमार थी मौसी? तबीयत कैसी है?” बलदेव ने पूछा। “बेटा मैं ठीक हो गयी हूँ। अपने गाँव जा रही हूँ।” तब बच्चों ने कहा, “हम तुझे कहीं नहीं जाने देंगे मौसी।”
2. बच्चों ने मिलकर मौसी की सेवा किस प्रकार की?
उत्तर: बच्चे दुकान से एक खाट उठा लाए और उस पर मौसी को बैठा दिया। फिर खाट को नीम के पेड़ के नीचे ले आए। कन्हैया भागकर अपने घर से दरी और तकिया लाया। उषा थाली में दो रोटियाँ लायीं। योगराज कटोरे में दूध लाया। गोपाल घर से लैंप लाया। बलदेव अपने डॉक्टर पिता को बुलाकर लाया।
3. मौसी के खुशी जीवन का वर्णन कीजिए।
उत्तर: बच्चों में हेडमास्टर जी से बिनती की कि मौसी को स्कूल में काम दिया जाय। हेडमास्टरजी ने मान लिया और मौसी को रहने के लिए स्कूल में एक कोठरी भी दे दी। मौसी फिर से स्कूल के आँगन में आने लगी। बच्चे उसे घेरे रहते और वह उन्हें कहानियाँ सुनाती। कभी-कभी लाठी टेकती हुई मोहल्ले का चक्कर काटती, सभी घरों में झाँक उनका कुशल-क्षेम पूछती। साँझ ढले अपनी कोठरी में चली आती और चैन की साँस लेती। इस तरह बच्चों के प्रेम व स्नेह भाव से मौसी के जीवन में खुशी के दिन लौट आये।
IV. रिश्ता जानिए और लिखिए
1. पिता के पिता : दादा :: माता के पिता : ______
2. पिता की बहन : बुआ :: माता की बहन : ______
3. पति/पत्नी के पिता : ससुर :: पति/पत्नी की माता : ______
4. बेटे की पत्नी : बहू :: बेटी का पति : ______
उत्तर:
1. पिता के पिता : दादा :: माता के पिता : नाना
2. पिता की बहन : बुआ :: माता की बहन : मौसी
3. पति/पत्नी के पिता : ससुर :: पति/पत्नी की माता : सास
4. बेटे की पत्नी : बहू :: बेटी का पति : दामाद
V. नमूने के अनुसार लिखिए :
VI. विलोम शब्दों के जोडे बनाइए :
उदा : बाहर x अंदर
1. गलत
2. सुख
3. छोटा
4. खुशी
5. बहुत
6. रात
7. अपना
8. नीचे
उत्तर:
1. गलत x सही
2. सुख x दुःख
3. छोटा x बडा
4. खुशी x गम
5. बहुत x कम
6. रात x दिन
7. अपना x पराया
8. नीचे x ऊपर
VII. पर्यायवाची शब्द लिखिए :
1. पेड
2. घोडा
3. दूध
4. पानी
5. घर
6. औरत
उत्तर:
1. पेड – वृक्ष, तरु
2. घोडा – अश्व, तुरंग
3. दूध – पच, क्षीर
4. पानी – जल, नीर
5. घर – आलय, निवास
6. औरत – स्त्री, महिला
VIII. सार्थक वाक्य बनाइए :
1. सबको जैसे मौसी प्यारी माँ थी के।
उत्तरः मौसी सबको माँ के जैसे प्यारी थी।
2.वीरोचित सुनाती मौसी थी कहानियाँ।
उत्तरः मौसी वीरोचित कहानियाँ सुनाती थी।
3. दिन दूसरे मैच हॉकी लौट खेलकर रहे थे।
उत्तरः दूसरे दिन हॉकी मैच खेलकर लौट रहे थे।
4. पीने पानी के लिए मुन्नी लाई।
उत्तरः मुन्नी पानी पीने के लिए लाई।
IX. कन्नड में अनुवाद कीजिए :
1. बच्चे नीम पेड के तले खेलते थे।
उत्तरः ಮಕ್ಕಳು ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಆಡುತ್ತಿದ್ದರು.
2. उसे सब मौसी कहकर पुकारते थे।
उत्तरः ಎಲ್ಲರೂ ಅವರಿಗೆ ಮೌಸಿ ಎಂದು ಕರೆಯುತ್ತಿದ್ದರು.
3. बच्चों के लिए तो वह सेवा की मूर्ति थी।
उत्तरः ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಅವರು ಸೇವೆಯ ಮೂರುತಿಯಾಗಿದ್ದರು.
4. सब के घरों में झाँक कुशल-क्षेम पूछती थी।
उत्तरः ಎಲ್ಲರ ಮನೆಯ ಕುಶಲ ಕ್ಷೇಮವನ್ನು ವಿಚಾರಿಸುತ್ತಿದ್ದರು.
X. नमूने के अनुसार लिखिए :
उदा : दूध – मलाई, माखन, घी, मिठाई
1. पेड
2. सोना
3. फूल
4. कागज
उत्तरः
1. पेड – फूल, पत्ते, ऑक्सीजन, वर्षा/बारिश
2. सोना – गहने
3. फूल – खुशबू, इत्र, शहद, रस ।
4. कागज – किताब, थैली
XI. पाठशाला में और घर में आपको क्या-क्या करने के लिए कहा जाता है और क्या करने के लिए मना किया जाता है। तालिका में लिखिएः
क्या करना है क्या नहीं करना है।
1. पढना 1. आलस
2. सुनना 2. झगडा
3. लिखना 3. बुरी बाते
भाषा – ज्ञान
1. मीरा अच्छा गाती है। ______
2. योगराज कटोरे भर दूध लाया। ______
3. मौसी धीरे से बोलती है। ______
4. राजधानी एक्सप्रेस गाडी अभी आयी है। ______
5. बच्चे पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। ______
उत्तरः
1. मीरा अच्छा गाती है। अच्छा
2. योगराज कटोरे भर दूध लाया। भर
3. मौसी धीरे से बोलती है। धीरे से
4. राजधानी एक्सप्रेस गाडी अभी आयी है। अभी
5. बच्चे पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। के नीचे
मौसी
मौसी पाठ का सारांश :
यहाँ इस कहानी में मौसी गाँव से शहर के एक मोहल्ले में आकर सब को अपनी स्वार्थहीन सेवा देती थी। बच्चे, बूढे और ज्यादा उम्र के लोग भी उसे मौसी कहकर पुकारते थे। अगर कोई बच्चा बीमार होता और | किसी के घर में शादी होती तो वहाँ सबसे पहले मौसी रहती थी। मौसी दोपहर होते ही स्कूल की फाटक पर आती। छुट्टी की घंटी बजते ही बच्चे बाहर आकर उसके साथ मिल जाते थे। यह मौसी कौन थी कहाँ से आई किसी को मालूम नहीं था।
रोज दोपहर ढलने पर मौसी नीम के पेड़ के नीचे पहुँच जाती थी। वहाँ सभी बच्चे खेलते थे। मौसी बच्चों के साथ खेलती, उन्हें कहानियाँ, चुटकुले सुनाती थी। मौसी मैला सा दुपट्टा ओढी रहती थी। उसके पास चने, टिकिया दाल-फलियाँ रहतीं जिन्हें वह बच्चों को दे देती थी। मौसी बच्चा की मौसी | बनकर उस बच्चों को | अपने बच्चे मानती
थी। कई दिनों से मौसी नहीं आयी। उसका कुछ भी पता न चला। वह मोहल्ला खाली खाली और पेड़ के नीचे सूनापन रहता था।
एक दिन मौसी ढूंढते लेखक और बाकी बच्चे एक मकान से आवाज सुने कि कई स्त्री मौसी को यहाँ से जाने के लिए कह रही थीं। मौसी की तबीयत ठीक नहीं थी। वह एक खाट पर लेटी थी। उसके बाल उलझे हुए और चेहरा पीला पड़ा था। बच्चों को गुस्सा आया। दूसरे दिन हॉकी मैच खेलकर जब बच्चे लौट रहे थे तब रास्ते में एक पुल पर मौसी को 1 बैठे देख लिया। उसके पास एक छोटी गठरी और लाठी थी। बच्चे उसे घेरकर उसकी तबीयत के बारे में पूछने लगे।
बच्चों ने मौसी का रोना सुनकर आए और वे उसे अकेली नहीं छोड़ना चाहते थे। दो। तीन लडके एक | दुकान से खाट । लाये और उस पर मौसी को बिठाकर खाट उठाकर बच्चे महल्ले की तरफ चले। बच्चों के प्यार को देखकर मौसी उन्हें छोड़कर जाना नहीं चाहती थी। बच्चों के उत्साह को देखकर उनके घरवालों को भी मौसी की चिन्ता लगी।
बच्चों के स्कूल के हेडमास्टरजी ने उसे काम देकर एक कोठरी भी उसे रहने के लिए दे दिया। बहुत साल बीत चुके हैं। अब भी मौसी वहीं है। अब वह स्कूल की प्याऊ में बैठकर बच्चों को पानी पिलाती है। ढंड के दिनों में मौसी आँगन के धूप में बैठ जाती है। वह बच्चों को कहानी सुनाती। कभी लाठी के सहारे मोहल्ले में घूमती। सभी घरों में झाँककर उनके कुशलक्षेम पूछती है। शाम होते ही मौसी अपनी कोठरी में वापस जाती है।
ಚಿಮ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:
ಚಿಕ್ಕ ಮಕ್ಕಳು, ದೊಡ್ಡವರು, ಮುಪ್ಪಾದವರು ಎಲ್ಲರೂ ಅವಳನ್ನು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಂದು ಕರೆಯುತ್ತಿದ್ದರು. ಯಾರದೇ ಮನೆಯಲ್ಲಿ ಮಗುವಿಗೆ ಅನಾರೋಗ್ಯವಾದರೆ ಹಾಗೂ ಯಾರ ಮನೆಯಲ್ಲಾದರೂ ಮದುವೆ- ಇಂಜುವೆಗಳಿದ್ದರೆ ಅಲ್ಲಿ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಲ್ಲರಿಗಿಂತ ಮೊದಲು ತಲುಪುತ್ತಿದ್ದಳು. ಮಧ್ಯಾಹ್ನ ವಾಗುತ್ತಿದ್ದಂತೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಸೂಲಿನ ಗೇಟಿಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಳು. ವಿರಾಮದ ಗಂಟೆಯಾಗುತ್ತದೆ ಮಕ್ಕಳು ಹೊರಗೆ ಬಂದು ಅವಳನ್ನು ಮುತ್ತಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಿದ್ದರು. ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಯಾರು? ಅವಳು ಎಲ್ಲಿಂದ ಬಂದಳು? ಹಾಗೂ ಅವಳ ವಿಷಯ ಯಾರಿಗೂ ಗೊತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಆ ಓಣಿಗೆ ಯಾವಾಗ ಬಂದಳಂದು ತಿಳಿಯಲಿಲ್ಲ. ಪ್ರತಿದಿನ ಮಧ್ಯಾಹ್ನ ಕಳೆಯುತ್ತಲೇ ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಳು. ಅಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲ ಮಕ್ಕಳು ಆಟವಾಡುತ್ತಿದ್ದರು.
ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಮಕ್ಕಳು ಆಟವಾಡುತ್ತಾ ಅವರಿಗೆ ಕಥೆ, ಚುಟುಕುಗಳನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದಳು. ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಒಂದು ಹಳೆಯ ಸೀರೆಯನ್ನು ಉಟ್ಟಿದ್ದಳು. ಅವಳ ಹತ್ತಿರ ಕಡಲೇ, ಬೆಳೆಗಳು ಇರುತ್ತಿದ್ದವು. ಅವಳು ಅವುಗಳನ್ನು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ತಿನ್ನಲು ಕೊಡುತ್ತಿದ್ದಳು. ಇದಕ್ಕಿದ್ದಂತೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಯಾರಿಗೂ ಕಾಣಿಸಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಎಲ್ಲಿಗೆ ಹೋದಳು ತಿಳಿಯಲಿಲ್ಲ. ಅವಳಿಲ್ಲದೆ ಆ ಓಣಿ ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಶೂನ್ಯದಂತೆ ಕಂಡಿತು. ಒಂದು ದಿನ ಲೇಖಕರು ಉಳಿದ ಮಕ್ಕಳೊಂದಿಗೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಹುಡುಕಲು ಹೊರಟರು. ಒಂದು ಮನೆಯಿಂದ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನಿಗೆ ಯಾವುದು ಹೆಂಗಸು ಬೈಯುತ್ತಿರುವುದು ಕೇಳಿ ಬಂತು. ಬಾಗಿಲಿನ ಸಂಧಿ ಒಳಗಿನಿಂದ ನೋಡಿದಾಗ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅನಾರೋಗ್ಯದಿಂದ ಬಳಲ್ಲಿ ಮಂಚದ ಮೇಲೆ ಮಲಗಿದಳು. ಅವಳ ತಲೆ ಕೂದಲು ಕೆದರಿ ಮುಖ ಸಪ್ಪೆಯಾಗಿದ್ದು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಸಿಟ್ಟು ಬಂದಿತು.
ಮಾರನೆಯ ದಿನ ಮಕ್ಕಳು ತಮ್ಮ ಹಾಕಿ ಆಟವನ್ನು ಮುಗಿಸಿ ಮನೆಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಾಗ ಮರಳುತ್ತಿದ್ದಾಗ ಹಾದಿಯಲ್ಲಿ ಒಂದು ಕಟ್ಟೆಯ ಮೇಲೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಕುಳಿತಿದ್ದನ್ನು ನೋಡಿದರು. ಅವಳು ಅಳುವುದನ್ನು ಕಂಡು ಮಕ್ಕಳು ಅವಳನ್ನು ಒಂಟಿಯಾಗಿ ಬಿಡಲು ಒಪ್ಪಲಿಲ್ಲ.
ಇಬ್ಬರು- ಮೂವರು ಹುಡುಗರು ಒಂದು ಅಂಗಡಿಯ ಮುಂದೆ ಇಟ್ಟಿದ್ದ ಮಂಚವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಂಡು ಬಂದರು. ಅದರ ಮೇಲೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಕುಳೆರಿಸಿ ಗಂಟು , ಬಡಿಗೇಯನ್ನು ಇಟ್ಟು ಆ ಮಂಚವನ್ನು ಎತ್ತಿಕೊಂಡು ತಮ್ಮ ಓಣಿಯ ಕಡೆಗೆ ನಡೆದರು.
ಮಕ್ಕಳು ಮಂಚವನ್ನು ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಇಟ್ಟು, ಕೈಯ ತಮ್ಮ ಮನೆಯಿಂದ ಕಂಬಳಿ ಮತ್ತು ತಲೆದಿಂಬನ್ನು ಹಾಗೂ ಯೋಗಿರಾಜ ತಮ್ಮ ಮನೆಯಿಂದ ಒಂದು ಲೋಟ ಹಾಲನ್ನು ತಂದರು. ಬಲದೇವನ ತಂದೆ ಡಾಕ್ಟರ್ ಆಗಿದ್ದರು. ಅವನು ತಂದೆಯನ್ನು ಕರೆದುಕೊಂಡು ಬಂದು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಪರೀಕ್ಷಿಸಲು ಹೇಳಿದನು. ಮಕ್ಕಳು ಅವರನ್ನು ನೋಡಿಕೊಳ್ಳಲು ಸರತಿಗೆ ನಿಂತರು. ಮಕ್ಕಳ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ಕಂಡು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅವರನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಎಲ್ಲಿಗೂ ಹೋಗುವುದಿಲ್ಲವೆಂದಳು. ಮಕ್ಕಳ ಸ್ಕೂಲಿನ ಹೆಡ್ ಮಾಸ್ಟರ್ ಅವರು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನಿಗೆ ಕೆಲಸ ಕೊಟ್ಟು ಅವಳು ಇರಲು ಒಂದು ಕೊಠಡಿಯನ್ನು ಕೊಟ್ಟರು. ಈಗಲೂ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅಲ್ಲಿಯೇ ಇರುವಳು. ಈಗ ಅವಳು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ನೀರನ್ನು ಕುಡಿಸಲು ಕೊಡುತ್ತಾಳೆ, ಚಳಿ ಇದ್ದಾಗ ಶಾಲೆಯ ಅಂಗಳದ ಬಿಸಿಲಿನಲ್ಲಿ ಕುಳಿತು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಕಥೆಗಳನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಾಳೆ. ಬಡಿಕೆಯ ಆಸರೆಯಿಂದ ಅವಳು ಓಣಿಯೊಳಗೆ ತಿರುಗಾಡಿ ಎಲ್ಲರ ಕ್ಷೇಮ ಸಮಾಚಾರವನ್ನು ವಿಚಾರಿಸಿ ಸಂಜೆ ಕಳೆಯುತ್ತಲೇ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ತನ್ನ ಕೊಠಡಿಗೆ ಹೋಗುವಳು. ಹೀಗೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಬೇಕಾಗಿದ್ದಳು.
ಚಿಕ್ಕ ಮಕ್ಕಳು, ದೊಡ್ಡವರು, ಮುಪ್ಪಾದವರು ಎಲ್ಲರೂ ಅವಳನ್ನು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಂದು ಕರೆಯುತ್ತಿದ್ದರು. ಯಾರದೇ ಮನೆಯಲ್ಲಿ ಮಗುವಿಗೆ ಅನಾರೋಗ್ಯವಾದರೆ ಹಾಗೂ ಯಾರ ಮನೆಯಲ್ಲಾದರೂ ಮದುವೆ- ಇಂಜುವೆಗಳಿದ್ದರೆ ಅಲ್ಲಿ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಲ್ಲರಿಗಿಂತ ಮೊದಲು ತಲುಪುತ್ತಿದ್ದಳು. ಮಧ್ಯಾಹ್ನ ವಾಗುತ್ತಿದ್ದಂತೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಸೂಲಿನ ಗೇಟಿಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಳು. ವಿರಾಮದ ಗಂಟೆಯಾಗುತ್ತದೆ ಮಕ್ಕಳು ಹೊರಗೆ ಬಂದು ಅವಳನ್ನು ಮುತ್ತಿಕೊಳ್ಳುತ್ತಿದ್ದರು. ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಯಾರು? ಅವಳು ಎಲ್ಲಿಂದ ಬಂದಳು? ಹಾಗೂ ಅವಳ ವಿಷಯ ಯಾರಿಗೂ ಗೊತ್ತಿರಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಆ ಓಣಿಗೆ ಯಾವಾಗ ಬಂದಳಂದು ತಿಳಿಯಲಿಲ್ಲ. ಪ್ರತಿದಿನ ಮಧ್ಯಾಹ್ನ ಕಳೆಯುತ್ತಲೇ ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಳು. ಅಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲ ಮಕ್ಕಳು ಆಟವಾಡುತ್ತಿದ್ದರು.
ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಮಕ್ಕಳು ಆಟವಾಡುತ್ತಾ ಅವರಿಗೆ ಕಥೆ, ಚುಟುಕುಗಳನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದಳು. ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಒಂದು ಹಳೆಯ ಸೀರೆಯನ್ನು ಉಟ್ಟಿದ್ದಳು. ಅವಳ ಹತ್ತಿರ ಕಡಲೇ, ಬೆಳೆಗಳು ಇರುತ್ತಿದ್ದವು. ಅವಳು ಅವುಗಳನ್ನು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ತಿನ್ನಲು ಕೊಡುತ್ತಿದ್ದಳು. ಇದಕ್ಕಿದ್ದಂತೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಯಾರಿಗೂ ಕಾಣಿಸಲಿಲ್ಲ. ಅವಳು ಎಲ್ಲಿಗೆ ಹೋದಳು ತಿಳಿಯಲಿಲ್ಲ. ಅವಳಿಲ್ಲದೆ ಆ ಓಣಿ ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಶೂನ್ಯದಂತೆ ಕಂಡಿತು. ಒಂದು ದಿನ ಲೇಖಕರು ಉಳಿದ ಮಕ್ಕಳೊಂದಿಗೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಹುಡುಕಲು ಹೊರಟರು. ಒಂದು ಮನೆಯಿಂದ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನಿಗೆ ಯಾವುದು ಹೆಂಗಸು ಬೈಯುತ್ತಿರುವುದು ಕೇಳಿ ಬಂತು. ಬಾಗಿಲಿನ ಸಂಧಿ ಒಳಗಿನಿಂದ ನೋಡಿದಾಗ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅನಾರೋಗ್ಯದಿಂದ ಬಳಲ್ಲಿ ಮಂಚದ ಮೇಲೆ ಮಲಗಿದಳು. ಅವಳ ತಲೆ ಕೂದಲು ಕೆದರಿ ಮುಖ ಸಪ್ಪೆಯಾಗಿದ್ದು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಸಿಟ್ಟು ಬಂದಿತು.
ಮಾರನೆಯ ದಿನ ಮಕ್ಕಳು ತಮ್ಮ ಹಾಕಿ ಆಟವನ್ನು ಮುಗಿಸಿ ಮನೆಗೆ ಬರುತ್ತಿದ್ದಾಗ ಮರಳುತ್ತಿದ್ದಾಗ ಹಾದಿಯಲ್ಲಿ ಒಂದು ಕಟ್ಟೆಯ ಮೇಲೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಕುಳಿತಿದ್ದನ್ನು ನೋಡಿದರು. ಅವಳು ಅಳುವುದನ್ನು ಕಂಡು ಮಕ್ಕಳು ಅವಳನ್ನು ಒಂಟಿಯಾಗಿ ಬಿಡಲು ಒಪ್ಪಲಿಲ್ಲ.
ಇಬ್ಬರು- ಮೂವರು ಹುಡುಗರು ಒಂದು ಅಂಗಡಿಯ ಮುಂದೆ ಇಟ್ಟಿದ್ದ ಮಂಚವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಂಡು ಬಂದರು. ಅದರ ಮೇಲೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಕುಳೆರಿಸಿ ಗಂಟು , ಬಡಿಗೇಯನ್ನು ಇಟ್ಟು ಆ ಮಂಚವನ್ನು ಎತ್ತಿಕೊಂಡು ತಮ್ಮ ಓಣಿಯ ಕಡೆಗೆ ನಡೆದರು.
ಮಕ್ಕಳು ಮಂಚವನ್ನು ಬೇವಿನ ಮರದ ಕೆಳಗೆ ಇಟ್ಟು, ಕೈಯ ತಮ್ಮ ಮನೆಯಿಂದ ಕಂಬಳಿ ಮತ್ತು ತಲೆದಿಂಬನ್ನು ಹಾಗೂ ಯೋಗಿರಾಜ ತಮ್ಮ ಮನೆಯಿಂದ ಒಂದು ಲೋಟ ಹಾಲನ್ನು ತಂದರು. ಬಲದೇವನ ತಂದೆ ಡಾಕ್ಟರ್ ಆಗಿದ್ದರು. ಅವನು ತಂದೆಯನ್ನು ಕರೆದುಕೊಂಡು ಬಂದು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನನ್ನು ಪರೀಕ್ಷಿಸಲು ಹೇಳಿದನು. ಮಕ್ಕಳು ಅವರನ್ನು ನೋಡಿಕೊಳ್ಳಲು ಸರತಿಗೆ ನಿಂತರು. ಮಕ್ಕಳ ಪ್ರೀತಿಯನ್ನು ಕಂಡು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅವರನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಎಲ್ಲಿಗೂ ಹೋಗುವುದಿಲ್ಲವೆಂದಳು. ಮಕ್ಕಳ ಸ್ಕೂಲಿನ ಹೆಡ್ ಮಾಸ್ಟರ್ ಅವರು ಚಿಕ್ಕಮ್ಮನಿಗೆ ಕೆಲಸ ಕೊಟ್ಟು ಅವಳು ಇರಲು ಒಂದು ಕೊಠಡಿಯನ್ನು ಕೊಟ್ಟರು. ಈಗಲೂ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಅಲ್ಲಿಯೇ ಇರುವಳು. ಈಗ ಅವಳು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ನೀರನ್ನು ಕುಡಿಸಲು ಕೊಡುತ್ತಾಳೆ, ಚಳಿ ಇದ್ದಾಗ ಶಾಲೆಯ ಅಂಗಳದ ಬಿಸಿಲಿನಲ್ಲಿ ಕುಳಿತು ಮಕ್ಕಳಿಗೆ ಕಥೆಗಳನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಾಳೆ. ಬಡಿಕೆಯ ಆಸರೆಯಿಂದ ಅವಳು ಓಣಿಯೊಳಗೆ ತಿರುಗಾಡಿ ಎಲ್ಲರ ಕ್ಷೇಮ ಸಮಾಚಾರವನ್ನು ವಿಚಾರಿಸಿ ಸಂಜೆ ಕಳೆಯುತ್ತಲೇ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ತನ್ನ ಕೊಠಡಿಗೆ ಹೋಗುವಳು. ಹೀಗೆ ಚಿಕ್ಕಮ್ಮ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಬೇಕಾಗಿದ್ದಳು.
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