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गुलाब सिंह - 9 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली


 गुलाब सिंह 

अभ्यास

I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. किस कारण से बालक का खाना बंद कर दिया गया?
उत्तर: बालक की बीमारी के कारण उसका खाना बंद कर दिया गया था।
2. बहन ने भाई को क्या खिला दिया ?
उत्तर: बहन ने भाई को गुड़ और चने खिला दिया।
3. शहर में क्यों आतंक छा गया ?
उत्तर: झंडे का भारी जुलूस बादशाह की आज्ञा के कारण न निकला तो शहर में आतंक छा गया।
4. थाली में क्या जल रहा था ?
उत्तर: थाली में एक दिया जल रहा था।
5. ‘झंडा किससे बना?
उत्तर: झंडा बहन की पुरानी ओढनी से बना।
6. बहन ने क्या थाम लिया?
उत्तर: बहन ने झंडा थाम लिया।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए ।
1. भाई को बहन कैसे विदा करती है ?
उत्तर: बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाया, चावल विखराकर आरती भी उतारी। तब भाई ने बहन के पैर छूकर विदा ली। बहन ने भाई के सिर पर हाथ फेरकर बलैयाँ ली। कहानियों की राजकुमारी की तरह बहन ने भाई को विदा करती है।
2. भाई को गिरते देखकर बहन ने क्या किया ?
उत्तर: बहन ने भाई को गिरते देखकर दौड पडी। भाई का शरीर खून से लथपथ था। बहन ने भैया। भैया। कहकर पुकारती रही।

III. जोडिए ।
1. बालक सारे घर का       तुम थक जाओगी।
2. भाई खून से                  दुलारा था।
3. बडी दूर जाना है          लथपथ पड़ा था।
उत्तर: जोडना :
1. बालक सारे घर का        दुलारा था।
2. भाई खून से              लथपथ पड़ा था।
3. बडी दूर जाना है        तुम थक जाओगी।

IV. वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
1. जुलूस
उत्तर: मैसूर में हर साल दशहरे का जुलूस निकलता है।
2. आभामंडल
उत्तर: आकाश के चारों तरफ आभामंडल रहता है।
3. आतंक
उत्तर: जनता में मन में चोर का आतंक है।
4. हुक्म
उत्तर: घर में पिताजी का हुक्म चलता है।

V. संज्ञा, सर्वनाम शब्दों के अलग-अलग लिखिएः
जूलूस, वह, माँ, बादशाह, गुलाबसिंह
बहन, उसे, भैया, अपने, इन, झंडा
सिपाही, लोग, उन्होंने, गोली, खून ।
उत्तर:
संज्ञा – माँ, बादशाह, गुलाबसिंह, बहन, भैया, झंडा, सिपाही, लोग, गोली, खून
सर्वनाम – वह, उसे, अपने, इन, उन्होंने ।

VI. विशेषण शब्द छाँटकर अलग लिखिए :
1. काला कुत्ता भौंक रहा है।
2. तोता, हरे रंग का है।
3. वह पीला पपीता खा रहा है।
4. सुंदर लडकी खूब गाती है।
उत्तर:
1. काला
2. हरे
3. पीला
4. सुंदर

VII. अनुरूपता :
1. त्रिधारा : कविता :: बिखरेमोती :  ________
2. रानी : राजा :: बेगम :  ________
3. अंगूर : फल :: गुलाब :  ________
4. दीया : दीप :: पताका : ________
उत्तर:
1. त्रिधारा : कविता :: बिखरेमोती :   कहानी
2. रानी : राजा :: बेगम :    बादशाह
3. अंगूर : फल :: गुलाब :   फूल
4. दीया : दीप :: पताका :   झंडा ।

VIII. अन्य लिंग शब्द लिखिए :
1. बादशाह
2. राजा
3. पिता
4. लेखक
5. देवी
6. बहन
उत्तर:
1. बादशाह – बेगम
2. राजा – रानी
3. पिता – माता ।
4. लेखक – लेखिका
5. देवी – देव
6. बहन – भाई

IX. अन्य वचन रूप लिखिए ।
1. झंडा
2. दरवाजा
3. ओढनी
4. कहानी
5. डंडा
6. थाली
उत्तर:
1. झंडा – झंडे
2. दरवाजा – दरवाजे
3. ओढनी – ओढनियाँ
4. कहानी – कहानियाँ
5. डंडा – डंडे
6. थाली – थालियाँ

X. समानार्थक शब्द लिखिए ।
1. ……………  – समीप – ……………
2. …………… – खून – ……………
3. झंडा – ……………  – ……………
4. संतोष – …………… – ……………
उत्तर:
1. पास – समीप – नजदीक
2. रक्त – खून – लहू
3. झंडा – ध्वज – पताका
4. संतोष – आनंद हर्ष

XI. उचित शब्द से खाली स्थान भरिए ।
1. बड भारी जुलूस …………… था।   (निकलना, निकलना)
2. वह सारे घर का दुलारा ……………।  (था, थी)
3. झंडे की तैयारी होने …………… ।  (लगा, लगी)
4. लोग भागे …………… ।  (आया, आए).
उत्तर:
1. बड भारी जुलूस निकलना था।
2. वह सारे घर का दुलारा था ।
3. झंडे की तैयारी होने लगी ।
4. लोग भागे आए ।

XII. खाली जगह भरिए ।
1 मिलना मिलाना ________
2 देखना ______ दिखवाना
3 खाना ______ खिलवाना
4 ______ बिठाना ______
5 घूमना घुमाना ______
उत्तर:
1 मिलना मिलाना मिलवाना
2 देखना दिखाना दिखवाना
3 खाना खिलाना खिलवाना
4 बैठना बिठाना बैठवाना
5 घूमना घुमाना घुमवाना

XIII. नये शब्द बनाकर लिखिए।
अनपढ, अनदेखा, अनसुनी, अनबन, अनमोल
बेहोश, बेशक, बेदाग, बेरहम, बेखबर
सुकर्म, सुगम, सुपुत्र, सुनयन, सुयश
गुलाब सिंह
गुलाब सिंह पाठ का सारांश:
जब किसी की अमर कहानी कहते हैं तो उसके लिए दिन और तारीख की आवश्यकता नहीं पड़ती।  गुलाब सिंह छोटा बालक था। उसके घर में माँ बाप और उसकी एक गुडिया जैसी बहन थी। वह घर का दुलारा था।
 
एक दिन बालक गुलाब सिंह बीमार पडा तो उसकी माँ ने उसे खाना नहीं दिया। लेकिन वह खाना माँगने लगा तो छोटी बहन सह नहीं सकी। वह चुपके से गुड और चने को भाई के लिए चुराकर लायी। और उसे खिलाया। अपने भाई की खुशी के लिए बहन ने माँ-बाप के गुस्से को भी तैयार सहने के लिए तैयार थी। भाई ने भी गुड और चने की बात को किसी से न कही। भाई की बीमारी दूर हो गयी। लेकिन उसके मन पर बहन के प्रेम का असर पडा।  उसके मन- पर माँ-बाप, बहन की कई बातों के प्रभाव पडे थे। वह उनसे कभी उनसे लडता और  जगडता भी तो आँसू और मन के रंग उसके मन पर असर या चित्रों को धुला नहीं सकते थे।
 
एक दिन एक उमंग की हवा बही जो मुरझाए हुए दिलों में फिर से उमरग और जान आयी। उस दिन अपने देश के झंडे का जुलूस निकलने वाला था। लेकिन बादशाह ने जुलूस न निकले की आज्ञा दी थी। वह बादशाह बहुत अत्याचारी था। क्योंकि हमारा देश बादशाह का गुलाम था।  भाई बहन दोनों मिलकर देश के झंडे को पहराने के लिए निश्चय किया। बहन अपनी पुरानी ओढनी फाडकर झंडा बनाकर लाल-हला रंग चढाया। भाई ने झंडा लेकर चला तो बहन भी उसके साथ चलने को तैयार हुई।  बहन ने भाई को तिलक लगाकर आरती उतारी। भाई के चेहरे के चारों तरफ रोशनी देखकर खुश हुई। भाई ने बहन के पैर छूकर विदा ली।
भाई ने झंडा लेकर चला तो बहन दरवाजे पर खड़ी देखती रही। कुछ दूर जाने पर बादशाह के सिपाहियों ने झंडेवाले बाल को रोका। वह न रुका तो उन्होंने गोली चलायी। बालक गिर पडा पर झंडा पर झंडा न गिरा। कोई उसके पास न आया तो उसकी बहन दौडकर आयी।  भाई का शरीर खून से लथपथ था। बहन ने भाई को पुकारा तो भाई ने उसे झंडा दिया। बहन ने झंडा थाम लिया। भाई मर गया था।  बहन बहुत रोयी पर उसके हाथ से झंडा न छूटा। बादशाह के सिपाही चले गये। लोग भागकर भाई के पास आये और उसका शरीर उठा लिया। अंत में जुलूस निकला और बड़ी शान से झंडा फहराया। वह बालक गुलाब सिंह था जो देश के लिए अपने प्राण त्याग दिया। उसने अपने देशभक्ति, देशप्रेम औरत्याग की सुगंध बिखराकर चला गया।

ಗುಲಾಬ ಸಿಂಹ ಕನ್ನಡದಲ್ಲಿ ಸಾರಾಂಶ:

ಬಾಲಕನ ಮನೆಯಲ್ಲಿ ತಂದೆ ತಾಯಿ ಹಾಗೂ ಆತನ ಮುದ್ದಾದ ತಂಗಿ ಇದ್ದಳು. ಬಾಲಕನು ಮನೆಯವರಿಗೆಲ್ಲ ಮುದ್ದಾದ ಪ್ರೀತಿಯ ಮಗನಾಗಿದ್ದನು. ಒಂದು ದಿನ ಬಾಲಕನಿಗೆ ಜ್ವರ ಬಂದಿತು, ಆತನ ತಾಯಿ ಆತನಿಗೆ ಏನೂ ತಿನ್ನಲು ಕೊಟ್ಟಿರಲಿಲ್ಲ. ಬಾಲಕನು ಮೇಲಿಂದ ಮೇಲೆ ತಿನ್ನಲು ಕೇಳಿದಾಗ ಆತನ ತಂಗಿಗೆ ಇದನ್ನು ಸಹಿಸಲಾಗಲಿಲ್ಲ. ತಂದೆ ತಾಯಿಯರ ಕೋಪವನ್ನು ಲೆಕ್ಕಿಸದೆ ಎಲ್ಲಾ ಮತ್ತು ಕಡಲೆಯನ್ನು ಕದ್ದು ತಂದು ತನ್ನ ಸಹೋದರನಿಗೆ ತಿನ್ನಿಸಿದಳು. ತನ್ನ ಅಣ್ಣನ ಸಂತೋಷಕ್ಕಾಗಿ ತಂಗಿಯು ಇದನ್ನು ಮಾಡಿದಳು. ತನ್ನ ಅಣ್ಣನು ಈ ವಿಷಯವನ್ನು ಯಾರಿಗೂ ಹೇಳಲಿಲ್ಲ. ಆತನ ರೋಗ ನಿಧಾನವಾಗಿ ದೂರವಾದರೂ ಅಣ್ಣನ ಮನದ ಮೇಲೆ ತಂಗಿಯ ಪ್ರೀತಿಯು ಬೇರೂರಿತ್ತು.

ಮುದುಡಿದ ಮನದಲ್ಲಿ ಪ್ರಾಣವನ್ನು ತುಂಬಿಸುವ ಗಾಳಿಯನ್ನು ಬೀಸಿತ್ತು, ಇದು ಉತ್ಸಾಹದ ಅಲೆಯಾಗಿತ್ತು. ಅಂದು ದೇಶದ ಧ್ವಜವನ್ನು ಹಾರಿಸುವ ಮೆರವಣಿಗೆ ನಡೆಯಬೇಕಿತ್ತು, ಆತಂಕ ನಗರದಲ್ಲಿ ಮನೆ ಮಾಡಿತ್ತು. ಆ ರಾಜನು ತುಂಬಾ ಅತ್ಯಾಚಾರಿಯಾಗಿದ್ದನು. ಆದರೆ ಈ ಅಣ್ಣ-ತಂಗಿ ಇಬ್ಬರೂ ಇದರ ಬಗ್ಗೆ ಚಿಂತಿಸಿ ಒಂದು ಧ್ವಜವನ್ನು ಸಿದ್ದಪಡಿಸಿದರು. ತಂಗಿಯು ತನ್ನ ಹಳೆಯ ದುಪ್ಪಟ್ಟ ಅರೆದು ಧ್ವಜ ಮಾಡಿ ಬಣ್ಣ ತುಂಬಿಸಿದಳು. ಅಣ್ಣನು ತನ್ನ ಆಟವಾಡುವ ಕೋಲಿಗೆ ಅದನ್ನು ಸಿಕ್ಕಿಸಿ ಧ್ವಜವನ್ನು ಹಿಡಿದು ಹೊರಟನು. ತಂಗಿಯು ಅಣ್ಣನ ಜೊತೆಗೆ ಹೊರಟಾಗ ಅಣ್ಣನು ಆಕೆಗೆ ಬೇಡವೆಂದನು.

ತಂಗಿಯು ಅಣ್ಣನಿಗೆ ತಿಲಕ ಹಚ್ಚಿ ಆರತಿ ಮಾಡಿ, ಅಕ್ಷತೆ ಹಾಕಿ ಆತನನ್ನು ಬಿಳ್ಕೊಟ್ಟಳು. ಅಣ್ಣನ ಧ್ವಜ ಹಿಡಿದು ಹೊರಟನು. ತಂಗಿಯು ಕಥೆಗಳಲ್ಲಿ ಬರುವ ರಾಜಕುಮಾರಿಯಂತೆ ಅಣ್ಣನನ್ನು ಕಳುಹಿಸಿ ನೋಡುತ್ತಾ ನಿಂತಳು. ಅಣ್ಣನು ಸ್ವಲ್ಪ ದೂರ ಹೋದ ನಂತರ ರಾಜನ ಸಿಪಾಯಿಗಳು ಆತನನ್ನು ತಡೆದರು. ಆತನು ನಿಲ್ಲದಿದ್ದಾಗ ಅವರು ಗುಂಡು ಹಾರಿಸಿದರು. ಆತನು ಕೆಳಗೆ ಬಿದ್ದರೂ ಆ ಧ್ವಜ ಕೆಳಗೆ ಬೀಳಲಿಲ್ಲ. ಅಲ್ಲಿ ಯಾರು ಬರಲಿಲ್ಲ. ಕೊನೆಗೆ ಆತನ ತಂಗಿಯು ಓಡಿ ಬಂದಳು. ಅಣ್ಣನ ದೇಹ ರಕ್ತದಲ್ಲಿ ಮುಳುಗಿತ್ತು.  ಅವಳು ಅಣ್ಣ ಅಣ್ಣ! ಎಂದು ಕೂಗುತ್ತಿದ್ದಳು.

ತಂಗಿಯು ಕೂಗನ್ನು ಕೇಳಿ ಅಣ್ಣನು ಎಚ್ಚರವಾಗಿ ಆಕೆಗೆ ತನ್ನ ಕೈಯಲ್ಲಿದ್ದ ಧ್ವಜವನ್ನು ಕೊಟ್ಟನು. ರಾಜನ ಸಿಪಾಯಿಗಳು ಹೊರಟು ಹೋದರು. ಜನರು ಅಲ್ಲಿಗೆ ಬಂದು ಆತನ ಮೃತ ಶರೀರವನ್ನು ಎತ್ತಿಕೊಂಡರು. ಮುಂದೆ ಮುಂದೆ ತಂಗಿಯೂ ಧ್ವಜ ಹಿಡಿದು ನಡೆದಳು. ರಾಜನ ಆಜ್ಞೆಯಂತೆ ಮೆರವಣಿಗೆ ನಿಲ್ಲಬೇಕಾಗಿತ್ತು, ಆದರೆ ಮೆರವಣಿಗೆ ನಿಲ್ಲಲಿಲ್ಲ ಹಾಗೂ ದ್ವಜವು ಹಾರಾಡಿತು. ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಧ್ವಜ ಗೌರವದಿಂದ ಹಾರಾಡಿತು. ಆ ಬಾಲಕ ಅಥವಾ ಅಣ್ಣನು ಗುಲಾಬ ಸಿಂಹ ಆಗಿದ್ದನು. ಆತನು ತನ್ನ ದೇಶಭಕ್ತಿಯ ಹಾಗೂ ತ್ಯಾಗದ ಪರಿಮಳವನ್ನು ಬೀರಿ ಹೊರಟಿದ್ದನು.

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