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साथी, हाथ बढ़ाना - 9 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली

 साथी, हाथ बढ़ाना 

अभ्यास
 
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. कवि किससे हाथ बढाने के लिए कह रहे हैं ?
उत्तर: कवि साथी से हाथ बढाने के लिए कह रहा है।

2. बोझ कैसे उठाना चाहिए ?
उत्तर: बोझ मिलकर उठाना चाहिए।

3. सागर ने रास्ता कब छोडा ?
उत्तर: मेहनतवालों ने जब मिलकर कदम बढाया, तब सागर ने रास्ता छोडा।

4. हम अगर चाहें तो कहाँ राहें पैदा कर सकते हैं?
उत्तर: हम अगर चाहें तो चट्टानों में राहे पैदा कर सकते है।

5. अपनी मंजिल कैसी मंजिल है ?
उत्तर: अपनी मंजिल सच की मंजिल है।

6. राई एक से एक. मिले तो क्या बन सकती है ?
उत्तर: राई एक से एक मिले तो परबत बन सकती है।

7. किस्मत को कैसे अपने बस में कर सकते हैं ?
उत्तर: अगर हम एक दूसरे से मिलकर मे काम करे तो मेहनत से किस्मत को अपने बस में कर सकते हैं।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1. मेहनत करनेवाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो क्या| क्या हो सकता है ?
उत्तर: अगर मेहनत करनेवाले मिलकर कदम बढ़ाएँ तो सागर में भी रास्ता बना सकते हैं। परबत सीस झुका सकता है। अगर हम मिलकर प्रयत्न करें तो चट्टानों के बीच से भी रास्तें निकाल सकते हैं।

2. एक से एक मिलने का परिणाम क्या होगा ? (किन्हीं दो)
उत्तर: एक से एक मिले अर्थात मनुष्य अगर एक दूसरे का सहयोग करे तो कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं है। जैसे एक-एक बूंद पानी से विशाल नदी बन जाती है और जैसे एक-एक फूल से माला का निर्माण होता है।

III. इन पंक्तियों को पूरा कीजिए :

1. एक ______, थक जाएगा, मिलकर ______ उठाना।
2. साथी हाथ ______ ।
3. मेहनत अपने ______, की रेखा, ______ से क्या डरना।
4. अपनी ______ सच की मंजिल, अपना ______ नेक।
5. एक से एक मिले तो ______ बस में कर ले ______ ।
उत्तर:
1. एक अकेला, थक जाएगा, मिलकर बोझ उठाना।
2. साथी हाथ बढाना ।
3. मेहनत अपने लेख, की रेखा, मेहनत से क्या डरना।
4. अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना रस्ता नेक।
5. एक से एक मिले तो इंसाँ बस में कर ले किस्मत ।

IV. तुकवाले शब्दों को चुनकर लिखिए । जैसे : बढाया – झुकाया ।
1. बाहें
2. डरना
3. एक
4. परबत
उत्तर:
1. बाहें – राहे।
2. डरना – करना।
3. एक – लेख ।
4. परबत – किस्मत

V. भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए : (कन्नड या अंग्रेजी में)

एक से एक मिले तो राई, बन सकती है परबत, एक से एक मिले तो इंसाँ, बस में कर ले किस्मत, साथी हाथ बढाना।
उत्तरः ಸಣ್ಣ ಸಣ್ಣ ವಿಷಯಗಳು ಒಂದಾಗಿ ಪರ್ವತದಷ್ಟು ಅಗಾಧ ಪರಿಣಾಮವಾಗಬಹುದು. ಮನುಷ್ಯ ಮನುಷ್ಯ ಒಂದಾದರೆ ಒಗ್ಗಟ್ಟಿನಿಂದ ಅದೃಷ್ಟವನ್ನೇ ಬದಲಾಯಿಸ ಬಹುದು. ಜೊತೆಗಾರ ನಿನ್ನ ಸಹಕಾರವಿರಲಿ.

VI. अपने साथी के बारे में थोड़ी-सी जानकारी दीजिए :

1. आपके कितने साथी है।
2. अपने पाँच साथियों के नाम लिइखए।
3. आपका बहुत अच्छा, गहरा दोस्त कौन है ?
4. कितने सालों की दोस्ती है ?
5. दोनों के बीच कभी झगड़ा हुआ है ?
6. किस बात पर झगडा हुआ ?
7. कैसे सुलझाया ?
उत्तरः
1. आपके कितने साथी है। मेरे पाँच साथी है।
2. अपने पाँच साथियों के नाम लिइखए। राजू, भोला, बबलू, मोटू, और चंदन।
3. आपका बहुत अच्छा, गहरा दोस्त कौन है ? मोटू
4. कितने सालों की दोस्ती है ? करीब चार/ पाँच सालो की दोस्ती है।
5. दोनों के बीच कभी झगड़ा हुआ है ? झगडा कभी नहीं हुआ। क्यों कि हमारी दोस्ती गहरी और प्यार भरी है।
6. किस बात पर झगडा हुआ ? झगडा ही नहीं हुआ तो किस बात पर यह सवाल उठाना बेकार है।
7. कैसे सुलझाया ? प्यार, प्रेम, समझदारी में झगड़ा नहीं होता। झगड़ा करना बुरी बात है, जिससे आपस में तनाव पैदा होता है, दुष्मनी बनी रहती है।

VII. इस कविता में अपने साथी से हाथ बढ़ाने के लिए कहा गया है। मिलकर बोझ उठाने की बात बतायी गयी है। यह बात परिवार में भी आवश्यक है या नहीं ? अब लिखिए :

1. आपके परिवार में कौन-कौन रहते हैं ?
उत्तर: हमारे परिवार में दादा, दादी, माताजी, पिताजी, मेरे भाई रहते हैं।

2. घर में कुल कितने लोग हैं ?
उत्तर: घर में कुछ छः लोग रहते हैं।

3. उनके नाम क्या हैं ?
उत्तर: दादाजी उनका नाम सुरेन्द्र है, दादी उनका नाम सुशीला, माताजी उनका नाम मालती, पिताजी उनका नाम सुरेश है मेरे भाई का नाम आनंद है।

4. उनकी आयु कितनी है ?
उत्तर: उनकी आयु दादाजी पचहत्तर साल, दादी सत्तर सालकी है, पिताजी अडतालीस, माताजी | चालीससाल की मेरा भाई बीस साल का है।

5. वे क्या काम करते हैं ?
उत्तर: दादाजी और दादी कुछ काम नहीं करते परन्तु परिवार की देखभाल करते हैं। पिताजी अध्यापक है। माताजी गृहणी है। मेरे भाई की पढाई चल रही है। वह इंजनियर का छात्र है।

VIII. परिवार के और भी कई सदस्य होते हैं। जैसे दादा, दादी आदि। पापा के पापा (पिताजी) के कहा जाता है। अब रिश्तों का नाम :

1. पिताजी की माँ _______
2. पिताजी के बडे भाई _______
3. पिताजी की बहन _______
4. पिताजी के छोटे _______
5. माँ के पिताजी _______
6. माँ की माँ _______
7. माँ के भाई _______
8. माँ की बहन _______
उत्तर:
1. पिताजी की माँ दादी
2. पिताजी के बडे भाई आऊ
3. पिताजी की बहन बुआ
4. पिताजी के छोटे भाई
5. माँ के पिताजी नाना
6. माँ की माँ नानी
7. माँ के भाई मामा
8. माँ की बहन मौसी

IX. तुम्हारे विचार से किसकी क्या-क्या । जिम्मेदारियाँ हैं? :

1. पिताजी की जिम्मेदारी बच्चों को पढ़ाना, घर की खुशहाली का खयाल रखना।
2. माताजी की जिम्मेदारी बच्चों को अच्छे संस्कार प्रदान करना, पढाना और अच्छा नागरिक बनाना।
3. दादाजीकी परिवार में होनेवाली गलतियों सुधारना, बच्चों के प्रति प्रेम, त्याग की भावना रखना, परिवार को टूटने सेबचना। परिवार की रक्षा करना।
4. दोस्त की अपनेमित्र की सहायता करना।
5. तुम्हारी माताजी,पिताजी एवं बड़ों की आदर करना, खूब बढ़कर समाज एवं घरकी सेवा करना।

X. सही मिलन कीजिए :

1. हाथ बढाना – नए मार्ग ढूँढना
2. बोझ उठाना – आगे निकलना
3. कदम बढाना सहयोग देना / मदद करना।
4. राहें पैदा करना – छोटी – छोटी बातों में बडा परिणाम निकलना
5. राई का पहाड / परबत बनना – जिम्मेदारी लेना परबत बनना
उत्तरः
1. हाथ बढ़ाना। – सहयोग देना / मदद करना
2. बोझ उठाना – जिम्मेदारी लेना
3. कदम बढाना – आगे निकलना
4. राहें पैदा करना – नए मार्ग ढूँढना ।
5. राई का पहाड / परबत बनना – छोटी – छोटी बातों में परबत बनना बडा परिणाम निकलना

XI. अनुरूपता :

1. बढना : बढ़ाना :: उठना : _______
2. परबत : पहाड :: किस्मत : _______
3. एक एक कतरा : दरिया :: एक एक राई : _______
4. अपना : पराया :: डर : _______ ।
उत्तरः
1. बढना : बढ़ाना :: उठना : उठाना
2. परबत : पहाड :: किस्मत : इंसाँ
3. एक एक कतरा : दरिया :: एक एक राई : परबत
4. अपना : पराया :: डर : निडर

साथी, हाथ बढ़ाना 
साथी, हाथ बढ़ाना कविता का सारांश –
एक दूसरे को मदद करने से काम आसान हो जाएगा। बोझ हलका हो जाएगा। इसलिए हमें हमेशा एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। हमारे इरादे इतने मजबूत और सच्चे है कि हमने जब भी अपनी मंजिल को पाना चाहा तब बडी से बड़ी कठिनाईयों का सामना हमने किया। मुश्कीलें आसान हुई, परबत ने भी शीश झुकाया है। हमारे इरादे फौलादी है. और हमारे दिल भी। अगर हम मन में ठानले तो चट्टानों में राहे बना सकते है। इसलिए साथी तुम हाथ बढाना। मेहनत करना अपनी जिंदगी है। हमारा भविष्य हमारी मेहनत पर निर्भर करना है। हमे मेहनत में डरना नही चाहिए।
कल गैरों के लिए हम जीते थे आज अपने लिए जीना है। हमारा सुख दुख एक है। अपने इरादे नेक है, सच्चे है। अपनी मंजिल भी सच की मंजिल है। इसलिए साथी तुम हाथ बढाना।बूंद बूंद से सागर बनता है, यह बात सच है। फूल से माला की सुंदर पंक्ति जो दूल्हे के सिर पर सजती है। छोटे छोटे कणों से परबत बनता है। ऐसे अगर हम एकदूसरे के साथ जुड़ जाए तो किस्मत बना सकते है। अपना भविष्य हम खुद सवार सकते हैं।

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