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खेलो-कूदो-स्वस्थ रहो - 9 वीं कक्षा की तीसरी भाषा हिंदी पाठ्यपुस्तक प्रश्नावली

 खेलो-कूदो-स्वस्थ रहो 

अभ्यास
 
I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. खेलों की दुनिया कैसी है ?
उत्तर: खेलों की दुनिया में सदा आनंद और उल्लास का वातावरण रहता है।

2. व्यक्तिगत खेलों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर: वैयक्तिक खोलों के उदाहरण हैं – तैरना, दौडना, एयरो-विक्स, तीर चलाना, बिलियर्डस, शूटिंग, नाव चलाना और छलांग लगाना आदि।

3. हम हृष्ट-पुष्ट कैसे बन सकते हैं ?
उत्तर: खेलने से हमारे अंगों की कसरत हो जाती है और हम हृष्ट-पुष्ट बन सकते हैं।

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1. खेलों के प्रकार लिखते हुए कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर: साधारणतया खेलों के दो भेद किये जाते हैं। वे हैं – शारीरिक खेल और मानसिक खेल।
जिन खेलों में शारीरिक श्रम अधिक करना पड़ता है उन्हें शारीरिक खेल कहा जाता है।
उदाहरण – कबड्डी, हाकी, गुल्लीडंडा, कुश्ती, फुटबाल, तैरना आदि।
जिन खेलों में मानसिक श्रम अधिक होता हो, उन्हें मानसिक खेल कहते हैं।
उदाहरण – शतरंज, केरम, पासा, आदि।

2. खेलों से क्या लाभ हैं ?
उत्तर: खेलों से तन मन स्वस्थ रहता है। खेलों द्वारा हम नाम के साथ-साथ धन भी कमा सकते हैं। खेल में जीतनेवाले बच्चों को पुरस्कार दिया जाता है। हमारे जीवन में खेलों से बहुत लाभ होते हैं।

3. राज्य और राष्ट- स्तर पर खिलाडियों को कौन कौन-से पुरस्कार दिये जाते हैं ?
उत्तर: राज्य और राष्ट- स्तर पर खिलाडियों को जो पुरस्कार दिए जाते है वे इसप्रकार हैं – अर्जुन, एकलव्य, द्रोणाचार्य, ध्यानचंद, राजीव, खेलरत्न आदि।

III. विलोम शब्द लिखिए :
1. आवश्यक
2. ज्ञान
3. उन्नति
4. स्वस्थ
उत्तर:
1. आवश्यक X अनावश्यक
2. ज्ञान X अज्ञान
3. उन्नति X अवनति
4. स्वस्थ X अस्वस्थ

IV. समानार्थक शब्द लिखिए :
1. दुनिया
2. वीर
3. स्पर्धा
4. पुरस्कार
5. विद्यार्थी
उत्तर:
1. दुनिया – जगत्, विश्व, संसार
2. वीर – साहस
3. स्पर्धा – प्रतियोगिता
4. पुरस्कार – उपाधि
5. विद्यार्थी – छात्र

V. खाली स्थान भरिए
1. खेल से ________ स्वस्थ होता है।
2. खेल ________ जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।
3. खेल भी ________ का ही एक अंग है।
4. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ ________ का निवास होता है।
उत्तर:
1. खेल से तन – मन स्वस्थ होता है।
2. खेल छात्र जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।
3. खेल भी व्यायाम का ही एक अंग है।
4. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।

VI. वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
1. उत्साह
2. पुरस्कार
3. मानसिक श्रम
4. आयोजन
उत्तर:
1. उत्साह – खेलों की दुनिया में हमेशा उत्साह का वातावरण रहता है।
2. पुरस्कार – अच्छे खिलाडियों को पुरस्कार दिया जाता है।
3. मानसिक श्रम – शतरंज के खेल में मानसिक श्रम अधिक होता है।
4. आयोजन – पाठशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

VII. कन्नड में अनुवाद कीजिए :

1. खेल कई तरह के होते हैं।
उत्तर : ಎಷ್ಟೋ ಪ್ರಕಾರದ ಆಟಗಳಿರುತ್ತವೆ.

2. जीवन में खेलों का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है।
उत्तर : ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಆಟಗಳ ಸ್ವಾನ ಬಹಳ ಮಹತ್ವಪೂರ್ಣವಾಗಿದೆ.

VIII. उपकरणों को देखकर खेलों का नाम लिखिए :


IX. क्या आपने सतोलिया (लगोरी) खेला है ? उस खेल के नियमों को लिखिए :

1. पाँच से सात खपरे के टुकड़ों को एक ऊपर एक रखना और उसे बॉल से मारकर गिराना।
2. खपरा गिराने वाली टीम को कोशिश यही होती है। कि खपरों को फिर से समेटाजाए।
3. जीत उसी की होती है, जो पहले खपरे को फिर से सिमटे या फिर बॉत से आऊट करनेवाली टीम को मौका मिलता है।

X. बचपन में अपने गिल्ली-डंडा, पतंग उड़ाना, कांचे, सतोलिया, लट्टू, खो-खो और छुप्पा-छुप्पी खेला होगा। किसी एक खेल के बारे में पाँच वाक्य लिखिए :
उत्तर : जैसे ही गर्मीकी छुट्टी खत्म होती और स्कूल शुरू होजाता इसि बीच पतंग उड़ाने का अनुभव भी कुछ अलग है। शाम होते ही हम दोस्तों की टोली पतंग और धागा लेकर छत पर कभी, तो कभी खुले मैदान में पतंग उडाने चले जाते। न खाने पीने की सुधन माँ का डाँटना सुनाई देता। बस्स अपने पतंग के साथ दोस्तों के साथ चले जाते कोई दोस्त पतंग पकडकर उडाने में सहायता करता तो, कोई धागा को छोड़ने और फिर लकड़ी के डंडे को कसकर बाँधने में, तभी जैसे ही पतंग आकाश किओर तेज हवा के साथ ऊपर उडने लगता मानो हमें लगता पतंग के साथ हमभी आकाश में विहार कर रहे है। जैसे हवा थम जाती अंधेरा छा जाता मैदान से वापस घर आने का मन नहीं करता था। किन्तु पिताजी की मार ने याद दिलाया और दबे पाँव, घर के अंदर चले जाते और पतंग, धागे पर किसी की नजर न पडे सोचकर उसे जानसे भी ज्यादा प्यार करते हुए एक कोने में छुपा देते थे। इसतरह पतंग उड़ाने का अनुभव एक रोमांचन है।

XI. अनुरूपता :

1. शतरंज : मानसिक खेल :: बैडमिटन : ____________
2. क्रिकेट : मैदानी खेल :: केरम : ____________
3. तेंडूल्कर : क्रिकेट :: ध्यानचंद : ____________
4. तैरना : वैयक्तिक खेल :: कबडी : ____________
उत्तर:
1. शतरंज : मानसिक खेल :: बैडमिटन : शारीरिक खेल
2. क्रिकेट : मैदानी खेल :: केरम : घरेलु खेल
3. तेंडूल्कर : क्रिकेट :: ध्यानचंद : हॉकी
4. तैरना : वैयक्तिक खेल :: कबडी : सामूहिक खेल

भाषा ज्ञान
I. निम्नलिखित उपवाक्यों को समुच्चयबोधक से जोडिए :
(इसलिए, लेकिन, ताकि, अतः, कि, और, या)
1. तुम्हारी तबीयत खराब है। दवाई तो खानी पडेगी।
उत्तर : तुम्हारी तबीयत खराब है। इसलिए दवाई तो खानी पडेगी।

2. जल्दी आओ ! समय पर पहुँच सको।
उत्तर : जल्दी आओ ! ताकि समय पर पहुँच सको।

3. विकास ने समझाया। बात मत बढाओ।
उत्तर : विकास ने समझाया। कि बात मत बढाओ।

4. रामायण महाकाव्य है। महाभारत भी महाकाव्य
उत्तर : रामायण महाकाव्य है। और महाभारत भी महाकाव्य है।

5. राम घर आया। श्याम घर आया ?
उत्तर: राम घर आया। या श्याम घर आया ?

6. क्या तुम कॉफी पीओगे क्या तुम चाय पीओगे?
उत्तर : क्या तुम कॉफी पीओगे। या क्या तुम चाय पीओगे?

7. आज इतवार है। आज सभी दुकानें बन्द हैं।
उत्तर : आज इतवार है। इसलिए आज सभी दुकानें बन्द हैं।

8. मैं जल्दी गया था। काम नहीं बना।
उत्तर : मैं जल्दी गया था। लेकिन काम नहीं बना।

II. रिक्त स्थानों में उचित समुच्चयबोधक भरिए : (क्योंकि, इसलिए, या, बल्कि)
1. उसे खीर नहीं, ______ हलवा खानी है।
2. इस समय बाहर मत निकलो, ______ मौसम खराब है।
3. लता तुम सोना चाहती हो, ______ खेलना चाहती हो ?
4. आज मैं थोड़ी देर से उठा, ______ स्कूल समय पर नही पहुँच सका।
उत्तर :
1. उसे खीर नहीं, बल्कि हलवा खानी है।
2. इस समय बाहर मत निकलो, क्योंकि मौसम खराब है।
3. लता तुम सोना चाहती हो, या खेलना चाहती हो ?
4. आज मैं थोड़ी देर से उठा, इसलिए स्कूल समय पर नही पहुँच सका।

III. निम्नलिखित समुच्चयबोधकों से एक – एक वाक्य बनाइए :
1. लेकिन
2. क्योंकि
3. ताकि
4. या
5. बल्कि
उत्तर :
1. लेकिन – बादल गरजे लेकिन वर्षा नही हुई।
2. क्योंकि – वह परीक्षा न दे सका क्योंकि वह बीमार था।
3. ताकि – मन लगाकर पढो ताकि पास हो सको।
4. या – तुम खेलोगे या सोओगे ?
5. बल्कि – महान लोग अभिमानी नहीं, बल्कि विनम्र होते है।

खेलो-कूदो-स्वस्थ रहो 
खेलो-कूदो-स्वस्थ रहो पाठ का सारांश :
जीवन में स्वस्थ्य का महत्वपूर्ण स्थान है। कई लोग इस के लिए बहुत पैसे खर्च करते हैं। लेकिन बिना पैसे खर्च किए स्वास्थ्य को बनाये जा सकते हैं। खेलों की दुनिया में हमेशा आनंद और उल्लास का वातावरण रहता है। मनोरंजन भी मिलता है। कई तरह के खेल होते हैं। इसमें दो भेद हैं। एक शारीरिक और दुसरा मानसिक खेल ।
शारीरिक खेल में शारीरिक श्रम अधिक रहता है। उदाहरण के साथ कबड्डी, हॉकी, गुलीडंडा, क्रिकेट, कुस्ती, फुटबाल, बैडमिटन, तैरना, दौडना आदि खेल हैं। मानसिक खेल में मानसिक श्रम अधिक होता है। उदाहरण के लिए शतरंज, केरम, पासा आदि खेल।
खेलों को वैयक्तिक खेल और सामूहिक खेल के रूप में भी भेद किये जा सकते हैं। वैयक्तिक खोलों में तैरना, दौडना, एयरो-विक्स, तीर चलाना, बिलियर्ड्स, शूटिंग, नाव चलाना और छलांग लगाना आदि आते हैं। सामूहिक खेलों में वॉलिबाल, क्रिकेट, फुटबाल, कबड्डी, बैडमिटन आदि होते हैं। इसी प्रकार कबड्डी, क्रिकेट, हॉकी, वॉलिबॉल आदि मैदानी खेल है। और शतरंज, कोरम् पासा आदि घरेलू खेल है।
हमारे देश में राज्य और राष्ट- स्तर पर खिलाड़ियों को पुरस्कार दिये जाते हैं। इसके साथ धन भी दिया जाता है। पुरस्कार प्राप्त खिलाडियों को नौकरी भी जल्दी मिलती है। इतना ही नहीं इन्हें रेल, हवाईजहाज, आदि में सफर करने के लिए भी । विशेष रूप से रिजर्वेशन की सुविधा होती है। विद्यार्थी जीवन में खेल महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि छात्रों के लिए पढाई-लिखाई के साथ खेलना भी जरूरी है।
खेलों द्वारा बच्चों में धैर्य, साहस, परिश्रम, उमंग तथा परस्पर प्रेम सहयोग आदि गुण आते हैं। छात्र खेल, द्वारा जीवन का अनुभव पाते हैं। भारत देश में खेलों के विकास तथा उन्हें विश्वस्तर पर लाने में हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरुजी का प्रमुख पात्र रहा है। नेहरूजी बचपन में घुडसवारी करते थे। उन्हें अपने पिता से ही खेलने की प्रेरणा मिली थी। इसीसे उन्होंने खेलकूद की प्रगति पर विशेष ध्यान दिया।
इन्हीं से प्रेरित होकर भारत ने अंतर्राष्टीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। नेहरूजी के सहयोग से 1951 में भारत में एशियार्ड खेलों का आयोजन किया गया। नेहरूजी के अनुसार खेल को खेल की भावना से ही खेलना चाहिए। खेल व्यायाम का एक अंग है।
इससे हम आरोग्यपूर्ण रह सकते हैं। इसलिए अच्छी सेहत के लिए खेलना आवश्यक है। खेल द्वारा हम नाम के साथ धन भी कमा सकते हैं। विद्यालयों में खेल-दिवस का आयोजन किया जाता है। जीतनेवाले बच्चों को पुरस्कार दिया जाता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन (मस्तिष्क) रहता है।

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